Move to Jagran APP

कॉलेजों तक सिमटे कश्मीरी छात्र, कड़ी सुरक्षा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आतंकी घटना के बाद पाकिस्तानियों पर कार्रवाई की आवाज उठ र

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 01:20 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 01:20 AM (IST)
कॉलेजों तक सिमटे कश्मीरी छात्र, कड़ी सुरक्षा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

loksabha election banner

आतंकी घटना के बाद पाकिस्तानियों पर कार्रवाई की आवाज उठ रही है। ऐसे में अब जिले के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों में दहशत का माहौल है। इस घटना के बाद से अब स्थानीय छात्रों ने भी इन कश्मीरियों से बात करना बंद कर दिया है। दबी जुबान में स्थानीय छात्र यहां तक कह रहे हैं कि इन कश्मीरियों को कॉलेज से ही नहीं, बल्कि देश से निकाल देना चाहिए। इस आशंका के मद्देनजर स्थानीय पुलिस अलर्ट है। हर कॉलेज से कश्मीरी छात्रों का रिकॉर्ड लिया गया है। उन पर कड़ी सुरक्षा रखी जा रही है। हालात य हैं कि जहां हॉस्टल में कश्मीरी रह रहे हैं, वहां से किसी को बाहर नहीं आने दिया जा रहा है।

आतंकी घटना के बाद अब उन छात्रों की दिक्कत बढ़ गई है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। यमुनानगर जिले की बात करें तो यहां भी 490 कश्मीरी रह रहे हैं। इनमें करीब 440 छात्र हैं, जो विभिन्न टेक्नीकल इंस्टीट्यूट से पढ़ाई कर रहे हैं। 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद रादौर, जगाधरी और बिलासपुर के इंस्टीट्यूटों से कश्मीरी छात्र अपने घरों को लौट गए। हरियाणा इंजीनिय¨रग कॉलेज में कुल 46 छात्र हैं। इनमें से 31 हॉस्टल में रहते हैं। अब केवल 25 छात्र ही यहां है। इसी तरह से बिलासपुर के गणपति इंस्टीट्यूट से करीब 70 छात्र लौट चुके हैं। रादौर से भी कुछ छात्र लौट गए। अब जो रह गए हैं, वह पुलिस की सुरक्षा में है। पुलिस उन्हें बाहर नहीं निकलने दे रही है। अलग गुट में रहते हैं कश्मीरी

हरियाणा इंजीनिय¨रग कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले दूसरे राज्यों के छात्रों ने बताया कि हॉस्टल में काफी कश्मीरी हैं, लेकिन वह अधिक बात नहीं करते। अपने गुट बनाकर रखते है। एक बार सांप्रदायिकता की बात को लेकर झगड़ा भी हो गया था। वह अपने को देश से अलग मानते हैं। इसलिए सभी उनसे अलग रहते हैं। कश्मीरी छात्र भी दहशत में

बिलासपुर में रहने वाले कश्मीर, राजौरी व आस-पास की अन्य जगहों से आए छात्रों ने बताया कि वह केवल शिक्षा ग्रहण करने आए हैं, लेकिन उन्हें भी शक की नजर से देखा जा रहा है। इस वजह से कक्षा में सही प्रकार से पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा है। अब वह बाहर तक नहीं निकल सकते। उनके परिजनों का रोजाना फोन आता है। उन्हें सुरक्षा की ¨चता है। दिन में 12 से 15 बार परिजनों के लगातार फोन आ रहे हैं। कोट्स :

जहां-जहां कश्मीरी छात्र रह रहे हैं। वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस लगाई है। यदि कोई छात्र अपने घर जाना चाहता है, तो वह जा सकता है। यहां पर ऐसी कोई घबराने की बात नहीं है।

रणधीर ¨सह, डीएसपी हेडक्वार्टर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.