न्यूजीलैंड से नीरज का शव लाने में लग गए नौ दिन, किया अंतिम संस्कार
यूजीलैंड में जम्मू कॉलोनी निवासी 27 वर्षीय नीरज शर्मा की सड़क हादसे में मौत हो गई। कड़ी मशक्त करने पर नौ दिन बाद शव यहां पहुंचा तो परिवार में कोहराम में मच गया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : न्यूजीलैंड में जम्मू कॉलोनी निवासी 27 वर्षीय नीरज शर्मा की सड़क हादसे में मौत हो गई। कड़ी मशक्त करने पर नौ दिन बाद शव यहां पहुंचा, तो परिवार में कोहराम में मच गया। परिजनों के साथ-साथ रिश्तेदार व आसपास के लोग भी दुखी थे। सोमवार को गमगीन माहौल में संस्कार किया गया। वह सात सालों से न्यूजीलैंड में रह रहा था। पिता रामनाथ शर्मा प्लाइवुड फैक्ट्री में कार्य करते हैं, तो छोटा भाई रोहित शर्मा कार चलाता है।
रोहित शर्मा ने बताया कि नीरज न्यूजीलैंड में आइटी तकनीशियन था। 19 मार्च को वह अपनी कार से ड्यूटी पर जा रहे थे। इस दौरान टी प्वाइंट पर ट्रक से उनकी कार की भिडंत हो गई। तीन दिन तक वह अस्पताल में भर्ती रहा। जहां 22 मार्च को उसकी मौत हो गई। शव को लाने की प्रक्रिया काफी मुश्किल थी। इसलिए 9 दिन का समय लगा। उनके परिवार से ही ताऊ का लड़का अश्वनी शर्मा भी न्यूजीलैंड में रहता है। इसलिए नौ दिन में शव आ सका, नहीं तो इससे भी अधिक समय लग सकता था। यहां से भेजना पड़ा लेटर
रोहित ने बताया कि 21 मार्च को हमें नीरज के घायल होने का पता लगा था। उनके ताऊ के लड़के अश्वनी ने यह जानकारी दी थी। 22 को नीरज की मौत हो गई थी। अश्वनी ने केवल यहां से एक लेटर उनके पिता के नाम से मंगवाया। जिसमें उन्होंने बेटे की मौत होने पर जल्द से जल्द शव भिजवाने की बात लिखी। यह न्यूजीलैंड में इंडियन अंबेसी में भेजा गया। वाट्सएप पर यह लेटर अश्वनी को भेज दिया गया था। इसके बाद वहां पर अश्वनी ने ही अपने स्तर पर सभी प्रक्रिया पूरी की। दो माह पहले आया था शादी में
बताया जाता है कि दो माह पहले रोहित की शादी हुई थी। इस दौरान नीरज छुट्टी लेकर आया हुआ था। काफी दिन तक यहां रहा। इसके बाद वापस लौट गया था। नीरज की अभी शादी नहीं हुई थी। परिवार भी उस पर शादी का दबाव बना रहा था, लेकिन वह अभी पूरी तरह से सेटल होने की बात कह रहा था। परिवार के लोगों ने बताया कि नीरज व्यवहार कुशल था। इतने दिनों से वह न्यूजीलैंड में रह रहा था, लेकिन कभी भी अपने परिवार को नहीं भूला। हर रोज परिजनों से बात करता था।