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Coronavirus Fight जगाधरी रेलवे वर्कशॉप ने बनाई फ्यूमिगेशन टनल और खास PPE किट

कोरोना के खिलाफ लड़ाई को आसान बनाने के लिए रेलवे की जगाधारी वर्कशाॅप ने अहम योगदान दिए है। यहां फ्यूमिगेशन टनल तैयार हुआ खास पीपीई किट बनााई गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 04:05 PM (IST)
Coronavirus Fight जगाधरी रेलवे वर्कशॉप ने बनाई फ्यूमिगेशन टनल और खास PPE किट
Coronavirus Fight जगाधरी रेलवे वर्कशॉप ने बनाई फ्यूमिगेशन टनल और खास PPE किट

यमुनानगर/ जगाधरी, जेएनएन/एएनआइ। हरियाणा के जगाधरी वर्कशॉपर में कोरोना के खिलाफ जंग के लिए राह आसान करने में कामयाबी हासिल की है। कड़े परिश्रम के बाद रेलवे के जगाधरी वर्कशॉप में एक BCN-A माल डिब्बे को  सेनेटाइजर रूम यानि (फ्यूमिगेशन टनल) में बदलने का सफल प्रयोग किया गया है। इसको जगाधरी वर्कशॉप के मालडिब्बा शॉप, मिलराई शॉप और मशीन शॉप के कुशल कर्मचारियों द्वारा तैयार किया  गया है। इसके साथ ही यहां कोराेना से लड़ रहे डॉक्‍टरों और मेडिकल कर्मियों के लिए खास पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई किट) तैयार की गई है।

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BCN-A माल डिब्बे को सेनेटाइजर रूम यानि फ्यूमिगेशन टनल में बदलने का सफल प्रयोग

कोरोना के फैलने के बाद रेलवे ने इसके खिलाफ जंग में योगदान की कोशिशें तेज कर दी थी। काफी मशक्‍कत व मेहनत से जगाधरी वर्कशॉप की टीम ने महत्‍वपूर्ण कामयाबी हासिल की। जगाधरी वर्कशॉप में एक BCN-A माल डिब्बे को सेनेटाइजर रूम यानि फ्यूमिगेशन टनल में बदलने का सफल प्रयोग किया गया। इसको जगाधरी वर्कशॉप के मालडिब्बा शॉप, मिलराई शॉप और मशीन शॉप के कुशल कर्मचारियों द्वारा ने किया है।

इन कमाचारियों ने इसे प्रैशर पाईप के आगे सोकेट और नोज़ल लगा कर बनाया है। अन्य कर्मियों के साथ मशीन शॉप के मुनीश कुमार टिकट संख्या 3371 एवं अजय कुमार टिकट संख्या 3349 ने इसको बनाने में पूरा योगदान दिया है। कोई व्यक्ति इस सेनेटाइजर रूम में इनगेट से प्रवेश करेगा उस पर नोजलों द्वारा सेनेटाइजर की स्प्रे होनी शुरू हो जाएगी और आउटगेट तक जाते-जाते पूरा शरीर सेनेटाइज हो जाएगा। इस प्रक्रिया से कोरोना अथवा किसी भी अन्य वायरस/कीटाणु पूर्णत नष्ट हो जाऐंगे और वह व्यक्ति सुरक्षित हो जाएगा।

इस प्रकार सेनेटाइजर वैगन रूम जैसी किसी समरूप व्यवस्था का इस्तेमाल अस्पतालों, कारखानों, दफ्तरों और अन्य भीड़ वाले स्थानों पर बीमारी से सुरक्षित रहने के लिये किया जा सकता है। इस सेनेटाइजर वैगन रूम को बनाने के लिए जगाधरी वर्कशॉप के चीफ वर्कशॉप मैनेजर, अन्य अधिकारियों, सुपरवाईजर्स स्टाफ़ व अन्य कर्मियों का सहयोग मिला।

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 कोरोना की जंग में सुरक्षा कवच बनेगी तैयार पीपीई किट

इसके साथ ही जगाधरी वर्कशॉप के कर्मचारियों ने कोरोना वायरस से लड़ाई में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए खास पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई किट) किट बनाई है। जगाधरी वर्कशॉप में रेलवे कर्मचारियों ने प्रेशर फ्रेबिक से यह पीपीई किट तैयार की है। इस किट के तीन सैंपल डीआरडीओ के पास टेस्टिंग के लिए भेजे गए, जिन्हें अप्रूवल मिल गई है। डीआरडीओ की ओर से कहा गया कि यह किट कोरोना वायरस का इलाज कर रहे डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने में सक्षम हैं। अब रेलवे की वर्कशॉप में ये किट तैयार होंगी। इससे डॉक्टरों के लिए विदेश से किट नहीं मंगवानी पड़ेगी।

डीआरडीओ ने किट के तीनों सैंपलों को दी हरी झंडी

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जांच कर रहे डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट की कमी आड़े आ रही है। संक्रमित लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर इस किट को एक बार ही प्रयोग करते हैं। अब देश में संक्रमण के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इस वजह से पीपीई किट की डिमांड बढ़ गई थी। सरकार पर भी लगातार दबाव बढ़ रहा था। किटों की कमी को पूरा करने के लिए जगाधरी वर्कशॉप में भी रेलवे कर्मचारियों ने पीपीई किट तैयार करने के लिए टेस्ट शुरू कर किया। एक सप्ताह से इस पर कार्य चल रहा था।

 तीन दिन पहले भेजी टेस्टिंग के लिए

जगाधरी वर्कशॉप के डिप्टी चीफ पर्सनल ऑफिसर राजीव बजाज ने बताया कि रेलवे के पास पूरी टीम है। इस समय आपदा की घड़ी में रेलवे आइसोलेशन वार्ड, मास्क तैयार कर रहा है। इस बीच ङ्क्षप्रसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर की ओर से पीपीई किट भी कार्य करने के आदेश मिले। इसके बाद ही टीम ने पीपीई किट तैयार करने पर मंथन शुरू कर दिया। इस किट में प्रेशर फेब्रिक का प्रयोग किया गया है।

उन्‍होंने बताया कि इसकी सिलाई इस तरह से की गई है कि उसमें कही से हवा अंदर न जा सके। सिलाई के बाद ऊपर से टेप लगाई गई है। इसके तीन सैंपल तैयार किए गए। तीन दिन पहले उन्हें डीआरडीओ के पास टेङ्क्षस्टग के लिए भेजा गया था। पीपीई किट रक्षा मंत्रालय के आदेशों के मुताबिक, आइएसओ 16603: 2004 कक्षा 3 या उससे अधिक होना चाहिए। वहां से तीनों सैंपल पास हुए हैं।

25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि

किट तैयार करने में 15-20 कर्मियों की टीम लगी थी। पीपीई किट तैयार करने वाली इस टीम को उत्तर रेलवे महाप्रबंधक की ओर से 25 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया गया है। अब ये किट उत्तर रेलवे के आलमबाग और चारबाग वर्कशॉप में भी तैयार होंगी।


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