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एस्टीमेट व डिजाइनिग के नाम पांच वर्ष में वेबकास को कितना किया भुगतान, हाउस की बैठक में पूछेंगे पार्षद

जागरण संवाददाता यमुनानगर लाखों रुपये अदा किए जाने के बावजूद विकास परियोजनाओं की डिजाइनि

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:33 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 05:33 AM (IST)
एस्टीमेट व डिजाइनिग के नाम पांच वर्ष में वेबकास को कितना किया भुगतान, हाउस की बैठक में पूछेंगे पार्षद
एस्टीमेट व डिजाइनिग के नाम पांच वर्ष में वेबकास को कितना किया भुगतान, हाउस की बैठक में पूछेंगे पार्षद

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लाखों रुपये अदा किए जाने के बावजूद विकास परियोजनाओं की डिजाइनिग में खामियां सामने आ रही हैं। कहीं नाले के रास्ते में निजी जमीन आ गई तो कहीं बिजली के पोल। सवाल यह उठ रहे हैं कि डिजाइनिग व एस्टीमेट के दौरान संबंधित एजेंसी ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया? नगर निगम अधिकारियों ने बिना जांच किए पेमेंट कैसे कर दी? ऐसे एक नहीं बल्कि कई कार्य हैं जो खामियों के चलते अधर में लटके हैं। सीएम विडो पर शिकायतें पहुंच रही हैं। अब हाउस की बैठक में यह प्रस्ताव आएगा। वार्ड नौ से भाजपा पार्षद भावना बिट्टू की ओर से संबंधित प्रस्ताव एजेंडे में शामिल किया गया है।

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प्रति वर्ष 50 लाख से अधिक खर्च

विभिन्न विकास परियोजनाओं के डिजाइन व एस्टीमेट के लिए हर वर्ष 50 लाख रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है, जबकि नगर निगम के पास जेई, एसडीओ, एमई व एक्सईन जैसे सभी पद भरे हुए हैं। अब 69 कालोनियों में डिजाइन व एस्टीमेट के नाम पर भी लाखों रुपये की गड़बड़ के आरोप लग रहे हैं। ट्विन सिटी में एक नहीं बल्कि काफी काम ऐसे हैं जिनका डिजाइन व एस्टीमेट निजी कंपनी ने मोटे पैसे लेकर तैयार किया। बावजूद इसके काम मौका मुताबिक करने पड़ रहे हैं।

इनसेट

ये काम अधर में

- डिजाइनिग में खामियों के चलते झंडा चौक से बिलासपुर रोड तक सड़क के निमा्रण व चौड़ीकरण की योजना पर सवाल उठ रहे हैं। यह सड़क दो करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है। डिजाइनिग के लिए निजी कंपनी को पेमेंट भी की। बावजूद इसके डिजाइन रास नहीं आया।

- प्रकाश चौक से झंडा चौक तक सड़क का निर्माण व निकासी का काम अधर में है। यहां नाले का डिजाइन व लेवल सही नहीं है। इसलिए काम रुका हुआ है। ऐसे ही दो करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले हनुमान गेट वाली सड़क भी अधर में लटकी पड़ी है।

- मधु चौक-कन्हैया साहिब चौक रोड पर पानी की निकासी के लिए नाले का निमा्रण किया जा रहा है। इस पर तीन करोड़ 77 लाख रुपये लागत आएगी। इस नाले के निर्माण पर भी सवाल उठ रहे हैं। यहां नाले के डिजाइन में बिजली के पोल नहीं हटवाए गए। जहां बिजली के पोल हैं, वहां से नाले का आकार छोटा कर दिया। ऐसा करने से पानी की निकासी बाधित होगी।

- बरसाती पानी की निकासी के लिए अमरूत योजना के तहत भाई कन्हैया साहिब चौक से डिच ड्रेन तक 9.15 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मीटर सीवर लाइन बिछाने की योजना है। लेकिन बाइपास के पास नाले के रास्ते में निजी जमीन आ आ गई। जिसके चलते काम रुका हुआ है। बारिश के दिनों में जगाधरी शहर, माडल टाउन, सरोजनी कालोनी , कैंप क्षेत्र , वर्कशाप रोड, आइटीआइ, चांदपुर, जम्मू कॉलोनी, विष्णु नगर, कृष्णा कालोनी, हरिनगर, मॉड्रन कॉलोनी, टैगोर गार्डन, बैंक कालोनी और प्रोफेसर कॉलोनी जलमग्न हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए यह पाइप लाइन बिछाई जा रही है। यह पानी सीधे सीवररेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिरेगा।

इनसेट

वार्ड नौ से पार्षद भावना बिट्टू का कहना है कि हम यह बात कई बार उठा चुके हैं कि जब नगर निगम के पास अपने जेई, एसडीओ, एमई, एक्सईएन व एसई हैं तो विभिन्न कार्यों का डिजाइन तैयार करने के लिए निजी कंपनियों को मोटी रकम क्यों दी जा रही है। डिजाइनिग व एस्टीमेट के नाम पर बड़ा घालमेल चल रहा है। सरकार के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। चिता की बात यह है कि जो डिजाइन कंपनियां तैयार करके देती हैं, उनके मुताबिक काम भी नहीं होते। जब से सरकार ने वेबकोस कंपनी को डिजाइनिग व एस्टीमेट का काम सौंपा है तब से अब तक अदा किए गए पैसे का हिसाब लिया जाएगा।


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