बिल्डिंग इंस्पेक्टर रखने में नाकाम निगम ने जेई को सौंपा नक्शे पास करने का काम
नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी छह माह से बिना बिल्डिंग इंस्पेक्टर के चल रहा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर: नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी छह माह से बिना बिल्डिंग इंस्पेक्टर के चल रहा है। ऐसे में अवैध निर्माणों पर अंकुश नहीं लगा रहा है, बल्कि वैध निर्माण के लिए नक्शे भी पास नहीं हो पा रहे हैं। नक्शा पास करने से पहले साइट पर जाकर बिल्डिंग इंस्पेक्टर (बीआइ) को इंस्पेक्शन करनी होती है। उनकी रिपोर्ट पर ही आगामी कार्रवाई होती है। बीआइ की पोस्ट भरने में नाकाम रहे निगम ने अब इसकी जिम्मेदारी जेई को सौंपी है। जबकि इस बारे में जनप्रतिनिधियों बताते हैं कि बीआइ का काम जेई नहीं कर सकते। निगम में बीआइ के तीनों पद खाली
नगर निगम में बीआई के तीन स्वीकृत पद हैं। इन दिनों तीनों खाली पड़े हैं। गत दिनों नपा रादौर से बीआइ को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था, लेकिन यह कुछ दिनों तक ही रहा। अब वार्ड एक से 11 तक का जिम्मा जेई भरत जून और 12 से 22 जेई प्रशांत कुमार को सौंपे गए हैं। नहीं पास हो रहे नक्शे
इस वर्ष अब तक 125 से ऊपर नक्शों की फाइलें आ चुकी हैं, लेकिन इनमें से 8-10 नक्शे ही पास हो पाए। किसी की साइट इंस्पेक्शन नहीं हुई तो किसी की फाइल एमई की टेबल पर धूल चाट रही है। नवंबर के बाद सिस्टम ऑनलाइन हो गया है, लेकिन पूरी तरह प्रभावी नहीं है। कभी पोर्टल बंद रहता है तो कभी अन्य तकनीकी खराबी आ जाती है। तीन वर्ष में 1668 नक्शे पास
ट्विन सिटी में धड़ाधड़ निर्माण हो रहे हैं। कहीं मकान तो कहीं दुकान बन रही हैं, लेकिन चंद निर्माण ही नगर निगम के रिकॉर्ड का हिस्सा बन रहे हैं। आरटीआइ के तहत मांगी जानकारी के मुताबिक तीन वर्ष में केवल 1668 नक्शे पास हुए हैं। मतलब एक वर्ष में औसत 556 नक्शे। जबकि कंस्ट्रक्शन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वर्ष 3000-3500 मकान और दुकान तो बन ही रहे हैं। नगर निगम के 22 वार्ड हैं और शायद ही कोई ऐसी कॉलोनी है जहां निर्माण कार्य न चल रहा हो। वैध तो दूर अवैध कॉलोनियों में भी निर्माण कार्य चल रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। कितनों पर हुई कार्रवाई, आरटीआइ में नहीं मिला जवाब
कार्रवाई का नहीं रिकॉर्ड नगर निगम एरिया में जो निर्माण बिना नक्शा पास कराए किया जाता है, उनके खिलाफ हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धारा 250 व 261 के अंतर्गत कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन ऐसे कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है, इसकी जानकारी देने से भी नगर निगम ने हाथ खड़े कर लिए। अधिकारियों ने आरटीआइ में इस बिदु का जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। आरटीआइ के तहत यह भी जानकारी मांगी है कि बिना अनुमति या बिना नक्शा पास हुए निर्माण कार्यों के मामले में कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, यह जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा। हाउस की बैठक में उठ चुका मुद्दा
गत दिनों हुई हाउस की बैठक में भी यह मुद्दा उठ चुका है। पार्षद देवेंद्र सिंह ने नगर निगम अधिकारियों व मेयर को अवगत करवाया कि शहर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर आखिर चुप्पी क्यों साध ली जाती है। बड़े बिल्डरों पर कार्रवाई से गुरेज किया जा रहा है। इस पर कमिश्नर पूजा चांवरिया का जवाब था कि गत दिनों अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस दिया है। बीआइ का काम जेई नहीं कर सकते। ऐसा करना तर्कसंगत नहीं है। नगर निगम को बीआइ की नियुक्त करनी चाहिए। हमने हाउस की बैठक में यह बात उठाई थी। बीआइ के पद रिक्त होने के कारण नक्शे पास नहीं हो पा रहे हैं। शहरवासी धक्के खा रहे हैं।
विनोद मरवाह, पार्षद, वार्ड नंबर-8 बीआइ को अपने काम का तजुर्बा होता है। इस काम को दूसरा कर्मचारी इतने बेहतर तरीके से नहीं कर सकता। इसलिए बीआइ के रिक्त पड़े पदों को भरना चाहिए न कि किसी और कर्मचारियों को यह काम सौंपना चाहिए।
गिरीश पुरी, सदस्य, निगरानी कमेटी