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स्कूल, कालेजों में हेलमेट पहने बिना आए तो होगी कार्रवाई, इंचार्ज होंगे जिम्मेदार

बिना हेलमेट के स्कूल या कालेज में बाइक पर आना छात्रों स्टाफ व अभिभावकों को भारी पड़ सकता है। सड़क सुरक्षा व हादसों को कम करने के लिए डीटीओ (डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट आफिसर) कम सचिव ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 06:05 AM (IST)
स्कूल, कालेजों में हेलमेट पहने बिना आए तो होगी कार्रवाई, इंचार्ज होंगे जिम्मेदार
स्कूल, कालेजों में हेलमेट पहने बिना आए तो होगी कार्रवाई, इंचार्ज होंगे जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बिना हेलमेट के स्कूल या कालेज में बाइक पर आना छात्रों, स्टाफ व अभिभावकों को भारी पड़ सकता है। सड़क सुरक्षा व हादसों को कम करने के लिए डीटीओ (डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट आफिसर) कम सचिव ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी व कालेजों को पत्र लिख कर कहा है कि वह सभी स्कूलों को निर्देश दें कि स्कूल या कालेज में कोई भी छात्र, छात्रा, स्टाफ व अभिभावक दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट के आया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिस स्कूल में छात्र बिना हेलमेट के वाहन पर आया तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल व कालेज इंचार्ज की होगी।

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बिना हेलमेट के आ रहे हैं छात्र

स्कूल व कालेजों में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं बिना हेलमेट के आ रहे हैं। वैसे तो 18 साल से कम उम्र के छात्रों के लिए बिना गियर वाली बाइक लेकर आना ही अलाउड कर रखा है। परंतु ऐसा नहीं हो रहा। छात्र स्कूलों में बुलेट से लेकर 250 सीसी तक की बाइक लेकर आ रहे हैं। छुट्टी के बाद तो एक-एक बाइक पर तीन-तीन छात्र बैठ कर सफर करते हैं। कुछ छात्र तो हुड़दंग भी मचाते हैं। स्कूल में टीचर कार्रवाई न कर दे इसलिए बाइक को स्कूल के बाहर ही खड़ी देते हैं। बाइक बाहर होने के कारण स्कूल कोई कार्रवाई भी नहीं कर पाते।

स्टाफ भी नहीं पहनता हेलमेट

दरअसल स्कूल, कालेजों में जो स्टाफ दोपहिया वाहनों पर आता है उनमें से भी 80 फीसद बिना हेलमेट के आते हैं। बड़ों की देखादेखी का असर कहीं न कहीं छात्रों पर भी पड़ रहा है। वैसे इसके लिए छात्रों के माता-पिता भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। उनकी सबसे बड़ी गलती तो यही है कि उन्होंने नाबालिग बच्चों के हाथों में हैवी इंजन की बाइक दे रखी है। दूसरा वह उन्हें हेलमेट पहनने को भी नहीं कहते। जब हादसा हो जाता है तो गलती स्कूल या फिर प्रशासन की निकाल दी जाती है। यातायात नियमों में पिछले दिनों बड़ा बदलाव हुआ था कि यदि कोई नाबालिग बच्चा नियम तोड़ता हुआ मिला तो उसके माता-पिता पर कार्रवाई होगी। परंतु जिले में तो आज तक ऐसा एक भी केस नहीं हुआ जिसमें माता-पिता पर कार्रवाई की गई हो। गत वर्ष जिला में 400 सड़क हादसों में 187 लोगों की मौत हुई थी जबकि 315 घायल हुए थे।

स्कूल इंचार्ज जिम्मेदार होंगे : सुभाष चंद्र

डीटीओ कम सचिव डा. सुभाष चंद्र का कहना है कि सड़क हादसों को कम करने के लिए ही डीईओ को पत्र लिखा है। वह सभी स्कूलों, कालेजों को आदेश दें कि कोई भी छात्र, स्टाफ व अभिभावक बिना हेलमेट पहने स्कूल में न आए। यदि कोई बिना हेलमेट के आता है तो स्कूल इंचार्ज जिम्मेदार होंगे। यदि इस पर अमल नहीं हुआ तो वह इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजेंगे।


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