नहीं देनी चाहिए जाति-पाति को महत्ता
संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। उसकी शुरुआत शब्द गायन से हुई। सत्संग की अध्यक्षता जोनल इंचार्ज टेकचंद ने की, संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। उसकी शुरुआत शब्द गायन से हुई। सत्संग की अध्यक्षता जोनल इंचार्ज टेकचंद ने की, जबकि मंच संचालन जयकुमार नारंग ने किया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। उसकी शुरुआत शब्द गायन से हुई। सत्संग की अध्यक्षता जोनल इंचार्ज टेकचंद ने की, जबकि मंच संचालन जयकुमार नारंग ने किया।
ऑडियो से बाबा हरदेव ने फरमाया कि हमें यह विचारना है कि हम जिस धर्म को मानते हैं, वह कही केवल बाहर की सजावटों और बाहर की बनावटों अथवा बाहर के पदार्थो तक ही तो सीमित नहीं। वास्तव में धर्म तो एक ही होता है और वह होता है मानवता का धर्म या मानव धर्म। परमात्मा को जानकार हर एक इंसान के साथ प्यार करना ही वास्तविक धर्म है। दातार ने हमें जो सोझी दी है, उसे हमें इस ढंग से इस्तेमाल करना है कि तंग दायरों से बाहर निकल कर विशालता को अपनाना है। हमने जाति-पाति को महत्ता नहीं देनी। हमारी जाति केवल इंसान है, मानव है। उन्होंने कहा कि जब बच्चा पैदा होता है, तब उस पर कोई ऐसा चिह्न नहीं होता, जो यह पहचान बताए कि यह किस जाति से ताल्लुक रखता है। पशु पक्षी आदि की तो जाति हो सकती है, उनकी पहचान तो हमारी आंखें कर सकती है कि यह गाय है, बकरी है या हाथी है, लेकिन इंसान की पहचान केवल इंसान ही है। इसी कारण इंसान को महान माना जाता है। हर एक इंसान में यही नूर वास करता है। इसलिए इंसानों वाला जन्म प्राप्त कर कर्म भी इंसानों वाले ही करने चाहिए। कभी किसी जानवर को जानवर बनने के लिए नहीं कहा जाता। केवल इंसान को ही यह कहने की जरूरत पड़ती है कि तू इंसान बन जा। जोनल इंचार्ज ने बताया कि 24 जून को बाल समागम का आयोजन किया जाएगा।