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हितेषी ने छेड़ी हाईजिन के फायदे बताने की मुहिम

करियर बनाने के साथ जगाधरी की हितेषी अरोड़ा युवतियों व महिलाओं को हाईजिन के फायदे बताने की मुहिम छेड़ी हुई है। इसके लिए उन्होंने मुंबई नेशनल ऑफ पब्लिक हेल्थ ट्रेनिग एंड रिसर्च से इंटर्नशिप की। बाद में परिवार कल्याण मंत्रालय और स्कूल आफ पीजीआइएमआर चंडीगढ़ के साथ चार माह का फील्ड वर्क भी किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 09:15 AM (IST)
हितेषी ने छेड़ी हाईजिन के फायदे बताने की मुहिम

नितिन शर्मा, यमुनानगर

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करियर बनाने के साथ जगाधरी की हितेषी अरोड़ा युवतियों व महिलाओं को हाईजिन के फायदे बताने की मुहिम छेड़ी हुई है। इसके लिए उन्होंने मुंबई नेशनल ऑफ पब्लिक हेल्थ ट्रेनिग एंड रिसर्च से इंटर्नशिप की। बाद में परिवार कल्याण मंत्रालय और स्कूल आफ पीजीआइएमआर चंडीगढ़ के साथ चार माह का फील्ड वर्क भी किया। जहां भी उनको महिलाओं का समूह मिलता है वह अपने टॉपिक पर बात करना शुरू कर देती हैं। अब तक 1500 से ज्यादा महिलाओं को पाठ पढ़ा चुकी है। इनका लक्ष्य अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचने का है। हितेषी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में मास्टर सोशल पढ़ाई कर रहीं हैं। ट्रेनिग के दौरान बढ़ी रुचि

हितेषी बताती हैं कि वह भी और लड़कियों की तरह डेढ़ साल पहले ट्रेनिग लेने गई थी। बहुत सी लड़कियां ट्रेनिग लेकर जा चुकी हैं, लेकिन उन्होंने ने इसे मिशन के रूप में लिया। पढ़ाई के दौरान इस विषय पर रुचि बढ़ती चली गई। इसकी शुरुआत अपने साथ की लड़कियों से की। मासिक धर्म विषय पर कोई बात नहीं करना चाहता था। वे खुद भी कई बार हिचक महसूस करती थी। उन्होंने ठान लिया था कि इस सब्जेक्ट पर बात करेगी। इसके लिए उनके समक्ष कई चुनौतियां आई। उन्होंने सभी का डटकर सामना किया। हर सवाल का जवाब सलीके साथ दिया। शिक्षण संस्थानों में देती क्लास

वे शिक्षण संस्थानों में जाती है। जब वे पहली बार क्लास गई तो वहां से लड़कों को बाहर भेज दिया गया। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सभी को एक साथ बैठाओ। कई भ्रांति फैली हुई है। इनको दूर करना जरूरी है। इस पर पहले सहमति नहीं बन पाई। उनके तर्क से शिक्षक सहमत हुए। क्लास में एक साथ जानकारी दी, जिससे गलतफहमी का कोई शिकार न रहे। वे चंडीगढ़ के अलावा यमुनानगर के 60 स्थानों पर जा चुकी हैं। वीडियो गेम दिखाकर करती जागरूक

हितेषी स्लम एरिया के अलावा पॉश इलाकों में भी जाती हैं। यहां की महिलाओं ने पहले सहयोग न के बराबर किया। उन्होंने विस्तार से बताया तो सभी सेमिनार में बैठने लगी। वीडियो गेम भी इनको दिखाए। सफाई के फायदे बताए। ये भी बताया कि इस दौरान कहा जाता है कि ये मत छुओ। ये नहीं खाना। इस पर विचार रखती है। यह प्राकृतिक है। इसको लेकर अपवाद नहीं होना चाहिए। उनका मुख्य फोकस इस पर रहता है कि कोई चुप न रहे। अपनी चुप्पी तोड़े। जमाना बदल गया। खुल कर लड़कियों को बात कहनी चाहिए। यही उनका मकसद है। हितेषी के पिता राजेश कुमार फार्मासिस्ट हैं। मां सीमा एमए योगा हैं। कॉलेज में कार्यरत हैं। इनका भाई मुकुल अरोड़ा 11वीं में पढ़ाई करता है।


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