दिल्ली से बन संतौर में आई हथनी
बन संतौर के चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र में हथनी को छोड़ा गया है। इसका नाम लक्ष्मी है। इस हथनी दिल्ली के यमुना खादर एरिया से खोजकर यहां लाया गया। रख-रखाव के लिए महावत की भी व्यवस्था की गई है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बन संतौर के चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र में हथनी को छोड़ा गया है। इसका नाम लक्ष्मी है। इस हथनी दिल्ली के यमुना खादर एरिया से खोजकर यहां लाया गया। रख-रखाव के लिए महावत की भी व्यवस्था की गई है। उसको अन्य जानवरों से अलग रखा गया है। खाने के लिए दलिया, फल सहित स्पेशल खुराक भी दी जा रही है। हाथी पुर्नवास केंद्र को 2007 में शुरू किया था। शुरुआती दौर में यहां दो मादा हथनियां थी। मादा हाथियों की संख्या अब यहां बढ़कर पांच हो गई है। स्वास्थ्य का रखा जा रहा ख्याल
हथनी दिल्ली के यमुना खादर एरिया से महावत युसफ अली से बरामद की गई। युसुफ अली फरार है। हथनी की उम्र करीब 37 वर्ष है। सही आहार व उचित देखभाल न किए जाने के कारण अब यह कमजोर हो गई है। वजन भी कम हो गया है। उसको विशेष निगरानी में रखा गया है। वन्य प्राणी विभाग के सब इंस्पेक्टर सुलतान सिंह ने बताया कि हथनी की सुबह शाम स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। खाने के लिए ताजा गन्ना, फल, दलिया आदि दिया गया है। सही उपचार व उचित खुराक मिलने तथा खुले केंद्र के खुले वातावरण से हथनी की सहेत में जल्द ही सुधार आ जाएगा। हाथी को रखने के लिए कम से कम ढाई एकड़ जमीन जरूरी है। शहर के तंग व दम घोटू वातावरण में बडे़ जानवर बीमार पड़ जाते हैं। दस-पंद्रह दिनों की विशेष निगरानी के बाद लक्ष्मी को भी अन्य हाथियों के साथ घूमने लगेगी। दिल्ली वन विभाग की टीम लेकर आई
इंस्पेक्टर ने बताया कि एक दिन पहले ही दिल्ली के वन विभाग की टीम हथनी लक्ष्मी को आयी। यमुना के खादर एरिया में जिस महावत ने लक्ष्मी को रखा हुआ था, वहां वन विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था नहीं थी। दिल्ली पुलिस ने वन विभाग को सूचना दी और हथनी को कब्जे में लिया।