मुख्यमंत्री ने अपने भाई का उदाहरण देकर कहा, हथेली गर्म करने पर भी उसकी बदली नहीं हुई थी, अब मुफ्त में होते हैं आनलाइन तबादले
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेरा छोटा भाई टीचर था। वो अब रिटायर हो गया है। जब वह पढ़ाता था तो उसने अपनी बदली करवाने के लिए पूरा जोर लगाया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेरा छोटा भाई टीचर था। वो अब रिटायर हो गया है। जब वह पढ़ाता था तो उसने अपनी बदली करवाने के लिए पूरा जोर लगाया। यहां तक की अफसरों की हथेली भी गरम (रिश्वत) की। पैसे देने के बाद वह बस से दिल्ली पहुंचा ही था कि उसे पता चला उसका तबादला रूक गया है। उसने जो पैसे दिए थे वो भी बेकार गए। पहले 80 प्रतिशत टीचरों का समय तबादला करवाने के लिए बस में या फिर चंडीगढ़ सचिवालय में गुजरता था। परंतु अब ऐसा नहीं होता। हमने टीचरों का दर्द समझा और ट्रांसफर के लिए आनलाइन नीति बनाई। टीचर मनपसंद के सेंटर भरते हैं और एक क्लिक पर सभी का ट्रांसफर हो जाता है। 97 प्रतिशत टीचर इस पॉलिसी से खुश हैं। वे यमुनानगर में अपना रोड शो खत्म करने के बाद भगत ¨सह पार्क पर लोगों का आभार प्रकट कर रहे थे।
मनोहर लाल ने कहा कि 1966 के बाद 48 सालों में प्रदेश की जनता ने राज बदला। परंतु हमने राज करने का तरीका बदल दिया। पहले कितने भ्रष्टाचार हुए। किसी पर भी विश्वास नहीं होता था कि पता नहीं कौन उनके पैसे खा जाए। अधिकारी से लेकर नेता तक सभी लूटते थे। हमने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। जो अधिकारी भ्रष्ट होते हैं लोग उनकी शिकायत नहीं करते। क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं वे भी न पकड़े जाएं। इसलिए कोई भी अपने काम कराने के लिए किसी अफसर को रिश्वत की पेशकश करने की बजाय उसकी शिकायत करे। उन्होंने कहा कि चार साल बाद भी हमें कुछ चीजें चुभ रही हैं। उनमें सुधार करने के लिए हम पॉलिसी बदल रहे हैं। हमने आने वाली सरकारों के लिए भी रास्ता बना दिया है। हमने सत्ता भोगने के लिए सरकार नहीं बनाई। क्योंकि हम सेवा करना जानते हैं। अभी प्रदेश में नौकरियों के करीब 70 हजार पद खाली पड़े हैं। परंतु सरकार सभी पद एक साथ तो नहीं भर सकती। अभी हमने ग्रुप-डी के 18 हजार पदों पर भर्ती निकाली है। ग्रुप-डी में भर्ती होने वाले युवक यदि उच्च पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें उस विभाग से अब एनओसी लेने की जरुरत नहीं है। क्योंकि सरकार उस कर्मचारी की तरक्की में बाधा नहीं बन सकी। अब कर्मचारियों को केवल एक फार्म भरकर सूचना देनी होती है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हमने नौकरियों में इंटरव्यू खत्म किए हैं।