बरसात ने खोली जल निकासी की पोल, प्रशासन के दावे पानी में बहे
बारिश से शहर के हालात बिगड़े।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : अभी तो मानसून आया भी नहीं, शहर में पानी निकासी की पोल खोल गई। शुरुआती बारिश में ही शहर में कई जगहों पर पानी भर गया। दो दिन से हो रही बरसात से अधिकतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। सभी छह ब्लॉकों में कुल 86 एमएम बरसात हुई। राहत की बात ये रही कि गर्मी नहीं होने से लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग ने सोमवार को भी बरसात होने की संभावना जताई है। सबसे ज्यादा फायदा यदि किसी को हुआ है तो वो किसान को। उन्हें धान रोपाई क लिए खेत तैयार करने में मदद मिलेगी। इन जगहों पर भरा पानी :
शनिवार रात एक बजे एक बार फिर जोरदार हवाएं चली। हवाएं चलने से मौसम में ठंडक लौट आई। आधे घंटे हवाएं चलने के बाद बरसात शुरू हो गई जो सुबह साढ़े नौ बजे तक चली। लोगों ने रातभर से हुई बरसात का सुबह जमकर लुत्फ उठाया। इससे कई जगहों पर पानी खड़ा हो गया। ग्रामीण क्षेत्र की कच्ची गलियां कीचड़ से सन गई। जगाधरी में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस जाने वाली सड़क, नगर निगम कार्यालय के सामने, बस स्टैंड के सामने, जिला सचिवालय परिसर, डीआइपीआरओ कार्यालय के नजदीक, यमुनानगर में पंचायत भवन के सामने नेशनल हाईवे किनारे, कन्हैया साहिब चौक से मधू चौक जाने वाली सड़क पर नेहरू पार्क के मोड़ समेत कई जगहों पर पानी भर गया। हाईवे किनारे पानी की निकासी नहीं :
पंचायत भवन से लेकर गंगा पेट्रोल पंप तक हाईवे किनारे खड़े होने वाले पानी की निकासी के लिए प्रशासन ने आज तक कुछ भी प्रबंध नहीं किया। हल्की सी बरसात हुई नहीं की यहां पानी खड़ा हो जाता है। ज्यादा बरसात होती है तो आधा हाईवे पानी में डूब जाता है, जिससे सड़क पर हर समय जाम लगा रहता है। दूसरा हादसे भी होते रहते हैं। यह जगह जिला सचिवालय से महज आधा किलोमीटर दूर है। छोटे-बड़े अधिकारियों का दिन में कई बार यहां से आना जाना है। फिर भी पानी निकासी के लिए ठोस कदम नहीं उठाया। जितने हिस्से में पानी खड़ा रहता है वहीं पर जाम रहता है। पानी निकासी के लिए यहां नाला बनाया जा सकता है या फिर मिट्टी डाल कर ऊंचा कर सकते हैं। साल में छह माह तो यहां पानी ही खड़ा रहता है। हुडा में रेन वाटर सीवर सिस्टम ब्लॉक :
शहर का सबसे पाश एरिया हुडा सेक्टर-17 भी पानी की निकासी नहीं हो सकी। हुडा निवासी रजत, ¨डपल रानी, कुसुम, सुनील, शिवम व दीपक ने बताया कि उनके घरों के सामने बरसाती पानी की निकासी के लिए जो रेन वाटर सीवर बनाए गए हैं, वो वर्षो से ब्लॉक हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों से ही नहीं बल्कि सीएम ¨वडो पर भी की। परंतु अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। कर्मचारी आते हैं और सड़क पर पानी देखकर चले जाते हैं। कोई कहता है सफाई करवाएंगे तो कोई कहता है कि लाइन दोबारा डालनी पड़ेगी लेकिन अधिकारी करते कुछ नहीं। छछरौली मोड़ पर तालाब जैसे हालात :
बिलासपुर में छछरौली मोड़ पर तालाब जैसे हालात बन गए हैं। सड़क नीची रह गई है, जबकि बरम व साथ लगती जमीन ऊंची है। निकासी नहीं होने से बरसात व आसपास का सारा पानी यहीं भर गया है। लोगों का सड़क से निकलना दूभर हो रहा है। पहले सारा पानी मोहन धर्मकांटा के पास बनी पुलिया के नीचे से निकल जाता था। कपाल मोचन जाने वाली सड़क नए सिरे से बनने से निकासी प्रभावित हो गई है। इसी तरह अग्रसेन चौक से लेकर शिव चौक तक सड़क का एक हिस्सा नहीं बनने से यहां पानी भरा रहता है। इसमें गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं। रविवार सुबह भी बाइक सवार के पीछे बैठी दो महिलाएं व बच्चा कीचड़ में गिर गए। धान रोपाई ने पकड़ा जोर :
बरसात होने से धान रोपाई ने जोर पकड़ लिया है। दो दिन से लगातार बरसात हो रही है। खेतों में पानी देने के लिए अब कुछ समय के लिए ही ट्यूबवेल चलाना पड़ेगा। किसान सतीश कुमार, नरेश कुमार, फकीर चंद व रमन अंटवाल का कहना है कि इस बरसात से उन्हें काफी फायदा हुआ है। इससे खेत तैयार करने में दिक्कत नहीं आएगी। यह बरसात गन्ने व पशु चारे के लिए भी फायदेमंद रहेगी। गर्मी में पशुओं को कई तरह की बीमारी लगने का खतरा रहता है। इस बरसात से बीमारी से मुक्ति मिलेगी। समय-समय पर यदि बरसात होती रही तो हर वर्ग के लोगों को फायदा होगा। कहां कितनी हुई बरसात :
ब्लॉक बरसात
जगाधरी 26
छछरौली 14
बिलासपुर 22
साढौरा 5
सरस्वती नगर 10
रादौर 9 कुल 86
औसतन 14.33
नोट: बरसात मिली मीटर में है।