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घर और दुकान में मंदिर की ज्योत और शार्ट सर्किट आग की वजह : प्रमोद दुग्गल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो माह बाद गर्मियों का सीजन शुरू हो जाएगा। गर्मी में आगजनी की घ

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 06:01 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 06:01 PM (IST)
घर और दुकान में मंदिर की ज्योत और शार्ट सर्किट आग की वजह : प्रमोद दुग्गल
घर और दुकान में मंदिर की ज्योत और शार्ट सर्किट आग की वजह : प्रमोद दुग्गल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो माह बाद गर्मियों का सीजन शुरू हो जाएगा। गर्मी में आगजनी की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं। खेतों में गेहूं, गन्ने की फसल, घरों और दुकानों के अलावा फैक्ट्रियों में आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में आग पर काबू पाने का सारा दारोमदार दमकल विभाग पर होता है। आग बुझाने के लिए कर्मचारियों को 24 घंटे तैयार रहना पड़ता है। गर्मियों में आग से निपटने के लिए दमकल की क्या तैयारी है और कैसे मदद ली जा सकती है इन सब पर जिला दमकल अधिकारी प्रमोद दुग्गल ने दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार से बातचीत की : सवाल : जिला में दमकल गाड़ियों की क्या स्थिति है।

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जवाब : इस वक्त हमारे पास कुल 19 गाड़ियां हैं। इनमें से दो मार्केट कमेटी की हैं। इनमें दो व चार हजार लीटर की चार छोटी गाड़ियां संभाल, 8 और 10 हजार लीटर की छह बाउजर और पांच बाइक हैं। इसके अलावा एक रेस्क्यू वैन है जो बिल्डिंग का मलबा हटाने और सड़क पर गिरे पेड़ों को हटाने के काम आती है। सवाल : दमकल के पास शुरू से ही स्टाफ काफी कम रहा है।

जवाब : ऐसा नहीं है। अब दमकल विभाग के पास स्टाफ की बिल्कुल भी कमी नहीं है। हमारे पास 95 फीसद स्टाफ कांट्रेक्ट पर हैं। 21 स्थायी कर्मचारी हैं जो यमुनानगर और जगाधरी में तैनात है। सवाल : ग्रामीण क्षेत्र में कितनी गाड़ियां हैं।

जवाब : दमकल के पांच स्टेशन हैं। हमारी एक गाड़ी खजूरी में, तीन गाड़ी जगाधरी में, एक-एक बिलासपुर और छछरौली में खड़ी होती हैं। बाकी गाड़ियां यमुनानगर में खड़ी होती हैं। इस वक्त साढौरा, सरस्वती नगर, रादौर व प्रताप नगर में कोई गाड़ी खड़ी नहीं होती। रादौर में नया दमकल केंद्र खोलने की योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही वहां पर भी स्थायी रूप से गाड़ी खड़ी होगी। सवाल : लोगों की शिकायत रहती है कि सूचना देने पर दमकल गाड़ी समय पर नहीं आती।

जवाब : जब भी आग लगने की सूचना आती है तो हमारी गाड़ी एक मिनट में केंद्र से रवाना हो जाती है। रास्ते में सबसे ज्यादा दिक्कत ट्रैफिक की आती है। सड़कों पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है जिससे सड़कों पर जाम लगा रहता है। जिससे गंतव्य तक पहुंचने में देरी होती है। वाहन दमकल गाड़ी को रास्ता नहीं देते। सवाल : घरों और दुकानों में आग की घटना का बड़ा कारण क्या है।

जवाब : आग की घटना शार्ट सर्किट और मंदिर में जल रही ज्योत के कारण ज्यादा होती है। लोग मंदिर में रखी ज्योत को जलती छोड़ कर इधर-उधर हो जाते हैं। कई बार हवा के कारण ज्योत गिर जाती है और उसके नीचे रखा कपड़ा आग पकड़ लेता है। यदि दुकान में ज्योत चल रही है तो उसके बुझने तक नहीं जाना चाहिए। सवाल : गैस सिलेंडर में आग लगने पर क्या सावधानी बरतें।

जवाब : सबसे पहले तो गैस सिलेंडर को हमेशा सीधा खड़ा रखना चाहिए। कुछ लोग सिलेंडर को जमीन पर लेटा देते हैं। इससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। गैस पाइप लाइन हमेशा आइएसआइ मार्का होनी चाहिए। प्रयोग न करने पर रेगूलेटर को बंद कर देना चाहिए। आग लगने पर उसके ऊपर कंबल या चादर को पानी में अच्छे से गीला करके सिलेंडर के ऊपर डाल देना चाहिए। यहां ध्यान रखना चाहिए कि गीले कपड़े से सिर्फ आग बुझती है गैस का रिसाव बंद नहीं होता। यदि रेगुलेटर ठीक है तो उसे बंद कर देना चाहिए अन्यथा सिलेंडर को कहीं खुले में ले जाना चाहिए। सवाल : गेहूं की फसल तैयार है। इसे आग से बचाने के लिए क्या करें।

जवाब : गर्मियों में सबसे ज्यादा आग गेहूं की फसल में लगती है। क्योंकि गर्मी ज्यादा होती है और फसल पूरी तरह से सूखी होती है। इसलिए जल्दी आग पकड़ लेती है। किसानों को सबसे पहले चाहिए बिजली के जो तार खेतों में लटके हुए हैं उन्हें टाइट करवाए। गेहूं निकालते समय पास में पानी से भरा ड्रम जरूर रखें, खेत की नाली में हमेशा पानी भरकर रखें। जिस खेत में आग लगी हो उसमें तुरंत हेरो चला देना चाहिए ताकि आग आगे न फैले। यदि मौके पर कुछ न मिले तो पेड़ की टहनी तोड़ कर आग बुझाने का प्रयास करना चाहिए। सवाल : तंग जगहों पर आग बुझाने की क्या सुविधा है।

जवाब : इसके लिए हमारे पास पांच बाइक आई हैं। इनमें पानी और फोम के टैंक हैं। ये तीन फुट की गली में भी जा सकती हैं। ये बाइक फौरी राहत के लिए हैं। इसके बाद दमकल गाड़ी मौके पर पहुंच कर आग बुझाएगी। सवाल : फैक्ट्री में आग से बचने के लिए क्या करें।

जवाब : चैंबर के पास पांच-पांच फीट तक जगह खाली रखनी चाहिए, फैक्ट्री तक जाने का रास्ता साफ होना चाहिए, जिससे कि दमकल गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा सके। सवाल : आग लगने पर किन नंबरों पर फोन कर मदद मांगी जा सकती है।

जवाब : यमुनानगर दमकल केंद्र में 01732-250101, 256101, 101, जगाधरी में 01732-242101, छछरौली में 01735-277101, बिलासपुर में 01735-274101 नंबर पर फोन कर तुरंत मदद मांगी जा सकती है।


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