स्कूल के सामने लगे गंदगी के ढेर, टूटी दीवार ठीक नहीं करा रहा शिक्षा विभाग
जागरण लाइव.. फोटो 12 13 - राजकीय सीसे स्कूल भेड़थल की चाहरदीवारी चार माह से टूट
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बिलासपुर में राजकीय प्राथमिक पाठशाला और आंगनबाड़ी केंद्र दोनों साथ-साथ है। सामने ही माता का मंदिर है जिसमें सुबह-शाम दर्जनों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। लेकिन गंदगी के ढेर न केवल बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं बल्कि श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंचा रहे हैं। कस्बा के घरों ही नहीं बल्कि दुकानों का सारा कूड़ा स्कूल के सामने फेंका जा रहा है। हाफ टाइम के बाद बच्चे स्कूल के बाहर कूड़े के इन्हीं ढेर के पास खेलते रहते हैं। ग्राम पंचायत ने स्कूल की दीवार के बाहर लिखवा भी रखा है कि यहां कूड़ा फेंकने वाले पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। परंतु इन पंक्तियों का लोगों पर कुछ भी असर नहीं हो रहा। पूरा दिन प्राथमिक पाठशाला के बच्चे बदबू वाले माहौल में कैसे पढ़ाई करते हैं ये वहीं जानते हैं।
दैनिक जागरण की इसके बाद जगाधरी रोड पर भेड़थल के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बाहर पहुंची। पूछने पर पता चला कि स्टेट हाईवे की तरफ स्कूल की चाहरदीवारी चार माह से टूटी पड़ी है। दीवार के साथ-साथ पानी भरा खड़ा है। इतना ही नहीं स्कूल के दक्षिण की तरफ की दीवार भी काफी समय से टूटी पड़ी है। इस दीवार को स्कूल की तरफ से ठीक नहीं करवाया गया है। हालांकि स्कूल के मुख्य द्वार पर गेट लगा है ताकि कोई अंदर न आ सके। परंतु टूटी दीवार के कारण स्कूल में कोई भी कहीं से भी घुस सकता है। ऐसे में स्कूल पर गेट लगे होने का भी कोई फायदा नहीं है। स्कूल के बीचोबीच रखी पानी की टंकी से भी पानी व्यर्थ बहता दिखा। यह पानी जमीन पर काफी दूर तक फैला हुआ था। सीवर के गड्ढे बन सकते हैं जानलेवा
दोपहर ढाई बजे टीम जगाधरी में मुखर्जी पार्क के नजदीक पहुंची। यहां पर सीवर के गड्ढे ऐसे ही खुले पड़े थे। छुट्टी के बाद घर लौट रहे प्राइमरी स्कूल के बच्चे इन गड्ढों के पास से गुजर रहे थे। छोटे-छोटे बच्चों को ये भी नहीं पता इनके पास से गुजरने के कारण उनके साथ कोई हादसा भी हो सकता है। लोगों ने बताया कि कभी सीवर साफ करने वाले तो कभी अंडरग्राउंड पाइप दबाने वाले कर्मचारी इन गड्ढों को ऐसे ही खुला छोड़ देते हैं। दिन में तो फिर भी लोग संभल जाते हैं, लेकिन रात को इनमें अक्सर वाहन गिरते रहते हैं, जिससे सभी लोग परेशान हैं।