शादी के 16 साल बाद हुआ था इकलौता बेटा, 16 का होते ही सूनी हुई गोद
शादी के 16 साल बाद हुआ था इकलौता बेटा, 16 का होते ही सूनी हुई गोद
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुना नदी में डूब कर मौत का शिकार हुआ 16 वर्षीय जतिन घर का इकलौता बेटा था। नया गांव के महेंद्र कांबोज के घर में शादी के 16 साल बाद जतिन का जन्म हुआ था। बेटा 16 साल का अभी हुआ था कि मां की गोद फिर सूनी हो गई। जतिन की कोई बहन भी नहीं है। मां-बाप बेटे की मौत से इतने दुखी हैं कि दोनों में से कोई भी पोस्टमार्टम हाउस में नहीं पहुंचा। पिता मेहनत मजदूरी करते हैं। संतान के लिए उन्होंने सैकड़ों मंदिरों में जाकर सजदा किया था। जतिन के साथ नहर में डूबे निशांत का गमगीन माहौल में एक साथ संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। मंगलवार को कॉलेज में जाना था दाखिला लेने :
18 वर्षीय निशांत के पिता रामकुमार खेती करते हैं। उसका एक बड़ा भाई रोहित है, जो बीकॉम कर रहा है। निशांत की 12वीं कक्षा मेडिकल से पास की थी। अब वह फॉरेंसिक साइंस करना चाहता था। इसके लिए उसने 15 दिन पहले चंडीगढ़ में एंट्रेंस टेस्ट दिया था। उसने करनाल के मुकंद लाल नेशनल कॉलेज को चुना था। मंगलवार को उसे दाखिला लेने के लिए करनाल जाना था। जतिन अभी 10वीं कक्षा में फेल हो गया था। गांव से चार किलोमीटर दूर पहुंचे नहाने :
निशांत, जतिन व दीपांशु घर पर बिना बताए ही नहाने के लिए यमुना नदी पर गए थे। निशांत के पिता रामकुमार ने बताया कि उसके सामने वो कभी नहाने के लिए यमुना नदी की तरफ नहीं गया। ग्रामीणों ने बताया कि जहां पर दोनों डूबे वो जगह गांव से चार किलोमीटर दूर है। वहां तक जाना इतना आसान भी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि वहां बाइक पर तो क्या पैदल जाना भी मुश्किल है। ऐसे में तीनों एक बाइक पर नदी तक कैसे पहुंचे। बाइक नदी से केवल दो एकड़ दूर खड़ी मिली। दीपांशु ने जब घर पर हादसे की सूचना दी तो उसे जगह की ठीक से जानकारी नहीं थी, इसलिए कुछ लोग फतेहपुर पुल की तरफ उन्हें तलाशने के लिए पहुंच गए, कुछ बूड़िया में पहुंच गए। जब कुछ लोगों ने बाकरपुर व क्रिकेट स्टेडियम का नाम सुना तो वे अंदाजे से तलाश करते हुए बाकरपुर घाट पर पहुंचे। परिजनों ने निशांत व जतिन के मोबाइल पर संपर्क भी किया लेकिन दोनों बंद थे। हादसे के बाद दोनों के मोबाइल घर से बरामद हुए। शव निकालते समय यशपाल के पांव में लगी चोट :
दोनों युवकों के शव निकालने के लिए गांव फतेहपुर का यशपाल व नया गांव का जो¨गद्र नदी में उतरे। जो¨गद्र ¨सह को सबसे पहले निशांत का शव झाड़ियों में फंसा मिला। यशपाल ने कुंड में जतिन की तलाश की। काफी प्रयास करने के बाद उसे जतिन का शव मिला। यशपाल ने बताया कि कुंड में पत्थर होने के कारण उसके पांव में चोट लग गई। कुंड करीब 15 फीट गहरा था। रात को होती है अवैध खनन :
ग्रामीणों ने बताया कि बाकरपुर घाट के आसपास रात को अवैध खनन होता है। पिछले दिनों नदी में पानी बहुत कम था, इसलिए सारी रात जेसीबी मशीनों व पोकलेन मशीनों से अवैध खनन होता था। खोदाई भी 15 से 20 फीट गहरी की जाती थी। इससे नदी में कई जगह गहरे कुंड बन गए हैं। पहाड़ों में बरसात होने से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है, इसलिए अब नदी में खनन नहीं हो रहा। जतिन व निशांत की मौत की वजह अवैध खनन ही बना। कुछ दिन पहले ही लौटा था मामा के घर से :
12वीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद निशांत चमरौड़ी में अपने मामा के घर चला गया था। पांच-छह दिन पहले ही वो वहां से अपने घर लौटा था। उसके लौटने के दो दिन बाद ही दीपांशु नया गांव में आया था। कयास तो ये भी लगाया जा रहा है कि सोमवार सुबह तीनों बाइक पर पहले बाकरपुर गांव के स्टेडियम में क्रिकेट खेलने गए और उसके बाद यमुना नदी में नहाने पहुंचे।