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अध्यापकों ने की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पुरानी पेंशन योजना को लेकर मंगलवार को नेहरू पार्क में अध्यापक

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 05:11 PM (IST)
अध्यापकों ने की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग
अध्यापकों ने की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पुरानी पेंशन योजना को लेकर मंगलवार को नेहरू पार्क में अध्यापकों की बैठक आयोजित की गई। जेबीटी अध्यापक परवीन कुमार ने अध्यक्षता की। प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2006 के बाद कि सभी सरकारी सेवाओं कि भर्तियों मे पुरानी पेंशन योजना कि बजाय नई एनपीएस यानि नई पेंशन योजना लागू कि हुई है जो कि पूर्ण रूप से कर्मचारी विरोधी है, पुरानी पेंशन योजना जहां पूर्ण रूप से कर्मचारी और उसके आश्रित परिवार के हक मे थी। एक कर्मचारी पहले जीपीएफ अपनी मर्जी से जमा करवा सकता था लेकिन अब नई पेंशन स्कीम के अधीन कर्मी चाह कर भी बचत नहीं कर सकता। इससे बड़ा मजाक क्या हो सकता कि जहां कर्मचारी जितनी राशि जमा कर रहे हैं उनकी वह राशि शेयर बाजार में जाकर कम हो रही है। शशि कुमार ने बताया कि सबसे मुख्य बात यह है कि वर्ष 2006 से पूर्व के कर्मियों का जीपीएफ कटता है जो सरकारी खजाने में जाता है और ब्याज भी वर्तमान दर का देय होता है वहीं नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी का सीपीएफ कटता है जिसमें कर्मचारी के मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि कटती है, जबकि इतनी ही राशि सरकार या नियोक्ता द्वारा डाली जाती है। यह सब राशि शेयर बाजार में लगती है इसे सरकारी खजाने में नहीं रखा जाता यहां भी सरकार ने एक कर्मी की जमा पूंजी को बाजार के हवाले कर दिया जिसमें सुरक्षा कि कोई गारंटी नहीं। सरकार पुरानी पेंशन योजना को लेकर देश का वित्तीय घाटा बढ़ने कि बात कहती है, लेकिन पुरानी पेंशन से देश का वित्तीय घाटा बढ़ा तो क्या जनप्रतिनिधियों की पेंशन से यह घाटा नहीं बढ़ा होगा। यह बात समझ से परे है कि यदि 2006 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम बंद कर दी तो फिर 2006 के बाद चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों को पेंशन क्यों बंद नहीं की। यहां से सरकारों की दोहरी नीति का साफ पता चलता है। सभी जिलों मे सरकार के सभी सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को पुरानी पेंशन योजना को लागू कराने के लिए ज्ञापन सौंपे जाएंगे। । इस मौके पर गगन कुमार भाग ¨सह, रवि कान्त, मनोज कुमार, संतोष कुमार, मांगा राम, संजीव खद्री, पावन कुमार, वीरेंदर,पंकज, परमवीर, विमल कुमार, संदीप कुमार, काका राम उपस्थित रहे।


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