गोशाला में शेड तक नहीं, ठंड में कांप रही गोमाता
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गोशालाओं में शेड तक नहीं है। कड़ाके की ठंड में गोमाता ख
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गोशालाओं में शेड तक नहीं है। कड़ाके की ठंड में गोमाता खुले में कांपने का विवश है। भाजपा सरकार गोधन को संरक्षण देने की बात कह रही है, लेकिन दावे सच्चाई से कोसो दूर हैं। कागजों में 18 गोशाला चल रही हैं, लेकिन धरातल पर 6 गोशालाओं में ही गायों रखा गया है। इनमें 2518 गोवंश है।
तस्करी पर पूर्ण रूप से अंकुश न होने के साथ-साथ गोशालाओं को विकसित करने की ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। सरकार की ओर से अनुदान देने में कंजूसी बरती जा रही है दैनिक जागरण संवाददाता ने बृहस्पतिवार को मटका चौक, पुलिस लाइन के नजदीक बनी गोशाला में व्यवस्था का जायजा लिया। हालांकि गोशाला में सफाई व्यवस्था अच्छी थी, लेकिन गोवंश के लिए छत पर्याप्त नहीं दिखाई दी। संख्या के मुताबिक शेड नहीं हैं।
चारा था कम
कुछ गायें खुर्ली में घास खा रही थी जबकि कुछ हरा चारा कम होने के कारण मुह से इधर-उधर बिखेर रही थी। खुर्लियों में घास अवश्य था, लेकिन भूसा अधिक और हरा चारा कम। जो लोग गायों को भोजन देने आए उनकी तरफ गाय बढ़ती दिखाई दी।
खचाखच रहते शेड
गोशाला में शेड पर्याप्त नहीं है। लेकिन बारिश व गर्मी के कारण पशु शेड के नीचे बैठना या खड़ा होना चाहते हैं। जगह समीति होने के कारण पशु एक दूसरे को पैरों से जख्मी भी कर देते हैं। यह बात कर्मचारियों ने भी मानी की शेड कम है जिसके कारण गोधन खुले आसमान के नीचे ही रहता है।
बेसहारा गाय भी लाई जाती
ऐसी गायों की संख्या भी कम नहीं है जो सड़कों पर चोटिल हो जाती हैं। गो प्रेमी इन गायों को गोशाला में छोड़ देते हैं। आधा दर्जन से अधिक गायें ऐसी हैं जो पीड़ा से कराहती हैं। किसी की टांग टूटी है तो कोई जख्मी है। पक्षी जख्म न कुरेदें, इसलिए इन गायों को अलग शेड में लेटाया जाता है। सरकार से मिलने वाले अनुदान या अन्य सुविधाओं के बारे में यहां मौजूद कर्मचारियों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
गोचरान भूमि पर कब्जा
चार हजार हेक्टेयर से ज्यादा गोचरान की भूमि गांवों में है, लेकिन इन पर कब्जा किया गया है। कब्जा मुक्त कराने के लिए प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रहा है। गाय वहां भटकती रहती हैं। गो संवर्धन न्यास के संयोजक रोहित चौधरी का कहना है कि सड़कों पर गाय भटकती देखी जा सकती हैं। गोशाला की तरफ सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, जिससे गायों को गोशाला में संरक्षण मिल सकेगा।