बढ़ती आयु के साथ नियमित कराते रहें हाई ब्लडप्रेशर की जांच
सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि यदि खून का दबाव लगातार 140/90 एमएमएचजी से ज्यादा नापा जाए तो इसे उच्च रक्तचाप का रोगी माना जाता है। साधारण खून के दबाव का नाप 120/80 एमएमएचजी से कम होता है। जब हदय से निकलने वाले रक्त का प्रवाह धमनियों की दीवारों पर जरूरत से अधिक दबाव डालता है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सिविल सर्जन कार्यालय में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया गया। इस दौरान कैंप लगाकर 58 लोगों की जांच हुई। जिसमें से 25 हाई ब्लडप्रेशर के मरीज मिले।
सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि यदि खून का दबाव लगातार 140/90 एमएमएचजी से ज्यादा नापा जाए, तो इसे उच्च रक्तचाप का रोगी माना जाता है। साधारण खून के दबाव का नाप 120/80 एमएमएचजी से कम होता है। जब हदय से निकलने वाले रक्त का प्रवाह धमनियों की दीवारों पर जरूरत से अधिक दबाव डालता है। हृदय रोग का यह मुख्य कारण है। इसके लिए बीपी की दवाई निर्धारित समय के अनुसार लेनी चाहिए और दवाई शुरू होने के बाद उसे बीच में छोड़ना नहीं चाहिए। सबसे अधिक जरूरी यह है कि 40 वर्ष की उम्र के बाद व्यक्ति को बीपी चेक कराना चाहिए।
चिकित्सा अधिकारी डॉ.कपिल कुमार ने बताया कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए शरीर का वजन सामान्य रखें। सक्रिय रहे और धूम्रपान न करें। उच्च रक्तचाप के कारण हृदय को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है। जिससे वह समय के साथ कमजोर पड़ जाता है। फिजिशियन डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया कि रक्तचाप बढ़ने से तेज सिर दर्द, थकावट, टांगों में दर्द, उल्टी होना और चिड़चिड़ेपन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस अवसर पर प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनजीत सिंह, उप सिविल सर्जन (एनसीडी) डॉ. पूनम चौधरी, डॉ. शिव कुमार, डॉ. विकास अरोड़ा, डा.आशुतोष, पूजा, बोबेष पंजेटा, कुमारी शिल्पा, दीप्ती ,मितलेश शर्मा, मनिद्र कौर भी मौजूद रहे।