दो दिन से शव की कर रहे बेकद्री, पुलिस ने कमेटी से संस्कार कराने को कब्जे में लिया, तो पड़े नरम
-मॉडल टाउन करेहडा में युवक महेंद्र की मौत का मामला, सोमवार को जाम लगाया, पुलिस ने कर लिया था केस दर्ज फोटो 30, 31, 32
संवाद सहयोगी, रादौर : गांव एमटी करेहडा के 30 वर्षीय महेंद्र की हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को फिर से परिजन व वाल्मीकि समाज के लोग जाम लगाकर बैठ गए। वाल्मीकि महासभा के जिला प्रधान दलीप कंडारा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पांच घंटे तक जाम लगाए रखा। पुलिस ने इस मामले में गांव के अजय, लाभ¨सह व विक्रम के खिलाफ एससी एसटी एक्ट और हत्या का मामला दर्ज किया है। जाम लगाने की सूचना पर एसडीएम रादौर डॉ. पूजा भारती पहुंची। उनके सामने परिजनों ने मुआवजा व आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग रखी। एसडीएम ने उन्हें बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आर्थिक मदद व नौकरी की मांग पर एसडीएम ने असहमति जता दी। जिससे ग्रामीण फिर से भड़क गए और त्रिवेणी चौक रादौर में जाम लगाने के लिए जाने लगे। जिस पर पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। पुलिस ने उन्हें रास्ते में रुकवा लिया और जबरन शव अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने शव का कमेटी से अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया। इसके बाद परिजन व जाम लगा रहे ग्रामीण नरम पड़े और गांव में ही शव का अंतिम संस्कार कराया।
शव को लेकर घूमते रहे :
सोमवार को पुलिस ने महेंद्र के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। उस समय पुलिस ने 174 की कार्रवाई कर दी थी। बाद में जब इस मामले का पता वाल्मीकि समाज के अन्य लोगों को लगा, तो वह मौके पर पहुंच गए और महेंद्र की हत्या किए जाने की बात कहते हुए जाम लगवा दिया। पहले दिन आरोपितों पर केस दर्ज कराने की चेतावनी दी गई। पुलिस ने दबाव में आकर केस दर्ज कर लिया। मंगलवार को फिर से समाज के लोगों ने जाम लगा दिया। पांच घंटे तक शव को लेकर सड़क पर बैठे रहे। बाद में कभी मोहडी के पास शव रखा गया, तो कभी बरेहडी के पास।
कुछ लोग मामले को बेवजह दे रहे तूल :
उधर, क्षत्रिय एकता महासभा के पदाधिकारी ठाकुर रामबीर ¨सह, मास्टर जंगशेर ¨सह, जय¨सह, संदीप राणा, योगेंद्र चौहान, सुभाष राणा, संजीव राणा व सुंदर राणा सहित काफी ग्रामीण आरोपितों लाभ ¨सह, अजय व विक्रम के पक्ष में एसपी कुलदीप ¨सह से भी मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि गांव में तनाव फैलाने की कोशिश की जा रही है। एसपी को दी शिकायत में कहा कि महेंद्र शराब पीने का आदी था। वह हर समय शराब के नशे में रहता था। आरोप लगाया कि वह गांव में भी किसी के घर के बाहर पड़े सामान को भी बेच देता था। गांव में चार दिन पहले कांवड शिविर लगाया गया था। उसमें भी महेंद्र खुद ही पहुंचा था। उसे कोई बुलाकर नहीं ले गया। लाभ ¨सह, विक्रम व अजय को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। वाल्मीकि समुदाय के लोग गलत आरोप लगाकर इस मामले को तूल दे रहे हैं और बेवजह जाम लगा रहे हैं। इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जानी चाहिए। टॉयलेट सीट बेचने का भी विवाद :
बताया जा रहा है कि मृतक महेंद्र ने टॉयलेट की सीट बेच दी थी। जिस पर मारपीट व धमकी तक मिली। मात्र 100 रुपये में यह सीट बेची गई थी। विवाद बढ़ने पर बाद में सीट महेंद्र के घर चल गई थी। इसके बाद से ही महेंद्र लापता हो गया था। परिजनों का आरोप था कि महेंद्र को गांव के ही लाभ ¨सह, अजय व विक्रम उसे कांवड़ सेवा शिविर में ले जाने का आरोप लगाया। जिसके बाद पीट पीटकर उसकी हत्या की गई। हालांकि सीट बेचने को लेकर हुए विवाद की पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है। पोस्टमार्टम में चोट में निशान आए है। अभी डॉक्टर इस बारे में कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे।