पहले साजिश कर ट्रक बेचा, फिर फाइनेंसर बन छीना
संवाद सहयोगी, साढौरा : पंजाब के संगरुर के गांव अंटावा निवासी रणधीर ¨सह पुराने ट्रकों क
संवाद सहयोगी, साढौरा :
पंजाब के संगरुर के गांव अंटावा निवासी रणधीर ¨सह पुराने ट्रकों को खरीदने और बेचने का काम करता है। उसके गांव के धनीराम और आजाद भी इस काम में हैं। सितंबर 2018 में दोनों ने रणधीर ¨सह को गांव नगली निवासी वाहिद से पुराना ट्रक खरीदने के लिए कहा। इस बारे में वाहिद से रणधीर की बात करवाई गई तो उसने कहा कि ट्रक उसके जानकार जुल्फान के पास है। कमीशन लेकर वह ट्रक का सौदा करा देगा।
25 सितंबर को रणधीर ट्रक खरीदने के लिए बिलासपुर पहुंच गया। एक ढाबे पर वाहिद, अमित, नफे ¨सह और जुल्फान मिले। इन लोगों ने ढाबा के पास खड़े जुल्फान के ट्रक को दिखाया। रणधीर को बताया गया कि इस ट्रक पर न तो कोई कोर्ट केस है और न ही कोई फाइनेंस की रकम बकाया है। उनके बीच दो लाख 80 हजार रुपये में ट्रक का सौदा हुआ। उसने पूरा पैसा जुल्फान को दिया और कमीशन के पांच हजार रुपये भी दे दिए।
पंजाब ले जाते समय रास्ते पेट्रोल पंप के पास दो कारें आई। उसमें से नौ लोग उतरे और ट्रक को रुकवा लिया। उन लोगों ने कहा कि यह ट्रक फाइनेंस पर है। इसकी रकम बकाया है। इस बारे में तुरंत उन्होंने वाहिद से फोन पर बात की, तो वाहिद ने ट्रक वहीं पर छोड़कर बिलासपुर आने की बात कही, लेकिन वहां आकर वाहिद टालमटोल करने लगा।
पुलिस को दी शिकायत तो रुपये लौटाने की कही बात :
रणधीर ¨सह ने 26 सितंबर को पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया। यहां वाहिद और जुल्फान ने रकम देने की बात कबूली। लिखित समझौता भी हुआ। 20 दिसंबर तक यह पैसा देने का वादा किया गया। इसके बावजूद उसके रुपये नहीं मिले। जब रणधीर उन पर दबाव बनाने लगा तो आरोपित उसे धमकी देने लगे। इस पर दोबारा पुलिस को शिकायत दी गई। जांच अधिकारी एएसआइ सतपाल ने बताया कि जांच में वाहिद, धनीराम, बब्बी और आजाद की मिलीभगत सामने आई है। पहले रणधीर को ट्रक बेचा गया, फिर उससे फाइनेंस बताकर छीन लिया गया। आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।