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त्योहारों का सीजन शुरू, एक दिन की छापेमारी कर विभाग मौन, लोग खुद भी भिजवा सकते हैं सैंपल, खर्च सिर्फ 20 रुपये

त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। करवा चौथ, अहोई, फिर दीपावली और भैयादूज हैं। इसके साथ ही बाजार में मिठाइयों की दुकानें सजने लगी हैं। अभी से ही जगह-जगह मिठाइयों के स्टॉल लगे हुए हैं। ऐसे में मिलावटी मिठाई तैयार करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 12:40 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 12:40 AM (IST)
त्योहारों का सीजन शुरू, एक दिन की छापेमारी कर विभाग मौन, लोग खुद भी भिजवा सकते हैं सैंपल, खर्च सिर्फ 20 रुपये
त्योहारों का सीजन शुरू, एक दिन की छापेमारी कर विभाग मौन, लोग खुद भी भिजवा सकते हैं सैंपल, खर्च सिर्फ 20 रुपये

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। करवा चौथ, अहोई, फिर दीपावली और भैयादूज हैं। इसके साथ ही बाजार में मिठाइयों की दुकानें सजने लगी हैं। अभी से ही जगह-जगह मिठाइयों के स्टॉल लगे हुए हैं। ऐसे में मिलावटी मिठाई तैयार करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। खाद्य विभाग ने भी एक दिन छापेमारी कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर ली है। अब इन सैंपलों की रिपोर्ट कब तक आएगी। इसके बारे में कोई अता पता नहीं है। हालांकि फूड सेफ्टी बिल में हुए संशोधन ने आम लोगों को मिठाई का सैंपल कराने का अधिकार दे दिया है। इसके तहत यदि आम आदमी को किसी दुकान की मिठाई से दिक्कत आती है, तो वह खुद टेस्ट करवा सकता है। इसके लिए गाजियाबाद की श्रीराम लैब में सैंपल भिजवाए जा सकते हैं। इसके लिए 20 रुपये प्रति मिठाई खर्च आएगा। यदि सैंपल फेल आता है, तो कार्रवाई भी होगी।

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त्योहारों के सीजन में सबसे अधिक बिक्री मिठाइयों की होती है। जगह-जगह लगी दुकानों और स्टॉलों पर अलग-अलग तरह की मिठाई सजी रहती है, लेकिन यह असली हैं या नकली। इसके बारे में एक्सपर्ट ही बता सकते हैं। लोग तो बस खरीदते हैं और एक दूसरे को मिठाई देकर त्योहारों की शुभकामनाएं देते हैं। हालांकि त्योहारों के इस सीजन में खाद्य आपूर्ति विभाग सक्रिय हो जाता है। उसके सक्रिय होने से कुछ हद तक मिलावटी मिठाइयों और मावे आदि की सप्लाई पर रोक लगने की उम्मीद रहती है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इससे पहले जन्माष्टमी और रक्षाबंधन पर भी सैंपल लिए गए थे। उनकी रिपोर्ट तक का कोई अता पता नहीं है। छापेमारी केवल डराने के लिए की जाती है। ताकि मिलावटी मिठाइयां बाजार में न आ सके।

एडीसी केके भादू ने बताया कि त्योहार के सीजन में मिलावटी मिठाई व मावे के अधिक आने की संभावना रहती है। इसके लिए टीमें बनाई जा रही हैं। अगले सप्ताह से दुकानों पर छापेमारी की जाएगी और बाहर से आने वाले मावे और खोया पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

यहां पर की गई छापेमारी

बृहस्पतिवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने शहर में बड़ी-बड़ी मिठाई की दुकानों पर छापेमारी की। वहां से 23 अलग-अलग मिठाइयों के सैंपल लिए गए। दुकानों पर छापेमारी कर दी गई, लेकिन देहात क्षेत्र की ओर से अफसरों का ध्यान नहीं है। उत्तर प्रदेश से नकली खोया और मावा ग्रामीण एरिया के रास्ते ही शहर तक पहुंचता है। पहले भी जगाधरी में नकली मावा पकड़ा जा चुका है। खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेंद्र कुमार का कहना है कि छापेमारी जारी रहेगी। वह वीआइपी ड्यूटी में कुरुक्षेत्र में है।

एक्सपर्ट के मुताबिक इस तरह से कर सकते पहचान

चांदी के वर्क की ऐसे करें जांच-

मिठाई पर चढ़ी के वर्क में एल्युमिनियम धातु की मिलावट हो सकती है जो सेहत के लिए अच्छी नहीं होती। जिसकी जांच के लिए चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही वजन की छोटी-सी गेंद जैसी हो जाएगी, लेकिन मिलावटी बर्क को जलाने से वह स्लेटी रंग का जला हुआ कागज बन जाएगा।

दानेदार मावा हो सकता मिलावटी

शुद्ध मावा हमेशा मुलायम होता है। आप मावे को उंगलियों के बीच मसलें अगर यह दानेदार लगता है तो मावा मिलावटी है।

मिलावटी खोये को परखें

मिलावटी खोये की पहचान करने के लिए, फिल्टर पर आयोडीन की दो से तीन बूंदें डालिए। अगर यह काला पड़ जाता है, तो इसका मतलब यह मिलावटी है।

मिठाई का रंग हो चटख तो मिठाई नकली है

मिठाइयों को तेज रंग देने के लिए आर्टिफिशियल रंगों का बड़े पैमाने पर किया जाता है। मिठाइयों के तेज रंग से भी मिठाई के नकली होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हाथ पर रंग लगे तो समझो मिठाई नकली है

मिठाई को हाथ में लेने से अगर उसका रंग हाथ पर लग रहा है तो मिठाई में मिलावट की गई है । कोट्स

अब यह व्यवस्था हो गई है। गाजियाबाद में सरकार से पंजीकृत श्रीराम लैब है। उसमें आम आदमी भी सैंपल भिजवा सकता है। इसके लिए उसे खर्च देना होगा। इसके अलावा अब हिसार की नवल लैब का भी लाइसेंस खुल गया है। वहां भी सैंपल भिजवाए जा सकते हैं।

डॉ. कुलदीप ¨सह, सिविल सर्जन, यमुनानगर।


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