कचरे के ढेर बिगाड़ रहे शहर की फिजा, नहीं हो पाया समाधान
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सफाई व्यवस्था से शहरवासी संतुष्ट नहीं हैं। पॉश एरिया को छोड
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सफाई व्यवस्था से शहरवासी संतुष्ट नहीं हैं। पॉश एरिया को छोड़कर अन्य वार्डो में हालात खराब हैं। दूसरा, ठोस व कचरा निस्तारण की समस्या का समाधान भी आज तक नहीं हुआ है। नगर निगम चुनाव में यह मुद्दा अहम रहेगा। चार वर्ष से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बंद पड़ा है। ऐसे में शहर की सीमाओं पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। बदबू का आलम है और शहर की फिजा खराब हो रही है। हालांकि हाउस की बैठकों में यह मुद्दा पूरी तरह छाया रहा है, लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हो पाया है।
यहां लगे ढेर
हमीदा हेड के पास पश्चिमी यमुना नहर के साथ पड़ी खाली जमीन में कचरे के ढेर लगे हुए हैं जो हवा के झोकों के साथ नहर में भी गिर रहा है। कई बार तो यहां आग लगा दी जाती है। इसके अलावा जगाधरी के मिल्ट्री ग्राउंड में भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं। हर तरफ आबादी होने के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। शहर का कचरा ट्रालियों में भरकर यहां मैदान में गिराया जा रहा है। कैल स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के बाहर तो तमाम हदें पार हैं। अंदर जब जगह नहीं रही तो नेशनल हाइवे पर ही ढेर लगा दिए गए।
मिट्टी हो रहे 18.74 करोड़
वर्ष-2014 में शहर से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन के लिए कैल गांव में 18.74 करोड़ रुपये की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया गया। कुछ दिन ठीकठाक चलने के बाद प्लांट की गति धीमी पड़ गई। 21 दिसंबर 2012 के पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने इसका उद्घाटन किया था, लेकिन दिसंबर 2014 से यह प्लांट बिल्कुल बंद पड़ा है।
हर दिन निकलता है 300 टन कचरा
नगर निगम एरिया से हर दिन 300 से 400 टन कचरा निकलता है। लेकिन प्लांट बंद पड़ा है। निगम कर्मचारियों केा जहां जगह-मिल रही है, वहीं कचरे के ढेर लगाए जा रहे हैं। प्लांट बंद होने के कारण कचरे का निस्तारण नहीं हो रहा है। इसलिए प्लांट के अंदर व बाहर कचरे के ढेर लग गए हैं। हालात ऐसे हैं कि कचरा जगाधरी-अंबाला नेशनल हाइवे तक जा पहुंचा है। हाइवे पर सरपट वाहन दौड़ते हैं। ऐसे में हवा के कारण ये कचरा उड़ता रहता है। जिससे वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है।
वर्जन
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट न चलने के कारण कचरा बाहर डाला जा रहा है। प्लांट को नए सिरे चलाने की प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में एक कंपनी से बात हुई है। उम्मीद है जल्दी ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
-दीपक सूरा, कार्यकारी अधिकारी, यमुनानगर।