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लॉकडाउन में किसानों की पेमेंट लॉक, गेहूं बेचने के बावजूद जेब खाली

अब तक 18885 किसान अनाज मंडी व खरीद केंद्र पर गेहूं की फसल बेच चुके हैं लेकिन भुगतान न होने के कारण उनकी जेब खाली है। आढ़तियों से यदि मांग की जाती है तो जवाब यही मिलता है कि सरकार से अभी पेमेंट नहीं आई है। आएगी तो दे दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 05:33 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 05:33 AM (IST)
लॉकडाउन में किसानों की पेमेंट लॉक, गेहूं बेचने के बावजूद जेब खाली

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लॉकडाउन के बीच अनाज मंडियों में गेहूं की आवक तेजी से हो रही है। अब तक 18885 किसान अनाज मंडी व खरीद केंद्र पर गेहूं की फसल बेच चुके हैं, लेकिन भुगतान न होने के कारण उनकी जेब खाली है। आढ़तियों से यदि मांग की जाती है तो जवाब यही मिलता है कि सरकार से अभी पेमेंट नहीं आई है, आएगी तो दे दी जाएगी। सीजन शुरू होने से पहले खरीद के 72 घंटे में किसान को पेमेंट किए जाने की बात कही थी, लेकिन 10 दिन बीत चुके हैं। बताया जा रहा है पोर्टल में तकनीकी खराब के कारण आढ़तियों को पेमेंट नहीं हो पा रही है।

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कहां कितना पहुंचा गेहूं

बिलासपुर में 17638 मीट्रिक टन, छछरौली में 23993 मीट्रिक टन, गुमथला राव में 2516 मीट्रिक टन, जगाधरी में 22179 मीट्रिक टन, जठलाना 1985 मीट्रिक टन, खारवन मंडी में 3153 मीट्रिक टन, प्रतापनगर में 24398 मीट्रिक टन, सरस्वती नगर 22172 मीट्रिक टन, रादौर में 12857 मीट्रिक टन गेहूं, रणजीतपुर मंडी में 5844 मीट्रिक टन, रसूलपुर मंडी में 4490 मीट्रिक टन, साढ़ौरा में 12314 मीट्रिक टन तथा यमुनानगर अनाज मंडी में 299 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है। इसकी खरीद विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा की गई है।

किस एजेंसी ने कितना खरीदा

जिला की विभिन्न अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों में कुल 153838 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई। इसमें से से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 55223 मीट्रिक टन, हैफेड ने 62538 मीट्रिक टन, एफसीआई ने 576 मीट्रिक टन तथा हरियाणा वेयर हाउसिग कार्पाेरेशन ने 35501 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। लॉकडाउन में उधार भी नहीं मिल रहा

उधर, सरस्वती नगर में गेहूं की पेमेंट ना मिलने से किसानों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। सरस्वती नगर के किसान शिवराम, सुखविद्र सिंह, राजपाल व लक्ष्मी चंद ने बताया कि 20 अप्रैल को गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुई थी। 10 दिन बीत जाने के बाद भी पेमेंट नहीं आई। अगर आढ़तियों के पास पैसे के लिए जाते हैं तो आढ़ती कहते हैं कि जब सरकार से पेमेंट आएगी तभी वह चेक द्वारा पेमेंट करेंगे। यानी आढ़ती उसके रोजमर्रा के खर्चों के लिए भी पैसे नहीं दे रहा। इससे किसानों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। लेबर व कंबाइन के पैसे देने हैं। उन्हें पैसा न मिलने से घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। लॉकडाउन में उधार भी नहीं मिल रहा। जल्द होगी समस्या दूर

डीसी मुकुल कुमार का कहना है कि इस संदर्भ में डीएफएससी से बात हो चुकी है। पेमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्दी ही किसानों की यह समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि अनाज मंडियों में पेयजल व्यवस्था, सफाई व शौचालय व्यवस्था, बिजली व्यवस्था आदि सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें ताकि किसानों को अपनी गेहूं की उपज को बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत न आएं। कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव को लेकर मंडियों में आने वाले किसानों उचित दूरी बनाकर रखें और सैनिटाइजर से हाथ साफ करें व साबुन के साथ अपने हाथों को बार-बार धोते रहें।


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