Move to Jagran APP

किसान बोले- 31 तक भुगतान नहीं तो काले झंडे ले सीएम के साथ-साथ निकालेंगे रोड शो

गन्ने के बकाया भुगतान के लिए किसान गुरुवार को भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम ¨सह चढ़ूनी के नेतृत्व में विधायक घनश्याम दास अरोड़ा से मिले। बारिश के बावजूद कार्यालय के सामने 28 मिनट तक दोनों पक्षों में बातचीत चलती रही।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 10:07 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 10:07 PM (IST)
किसान बोले- 31 तक भुगतान नहीं तो काले झंडे ले सीएम के साथ-साथ निकालेंगे रोड शो
किसान बोले- 31 तक भुगतान नहीं तो काले झंडे ले सीएम के साथ-साथ निकालेंगे रोड शो

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गन्ने के बकाया भुगतान के लिए किसान गुरुवार को भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम ¨सह चढ़ूनी के नेतृत्व में विधायक घनश्याम दास अरोड़ा से मिले। बारिश के बावजूद कार्यालय के सामने 28 मिनट तक दोनों पक्षों में बातचीत चलती रही। किसानों का कहना है कि रेट बढ़ाना तो दूर भाजपा सरकार गन्ने का भुगतान तक नहीं करा पा रही है। चार वर्ष में केवल 10 रुपये रेट बढ़ा है। अपने ही रुपये के लिए किसान सड़कों पर हैं। इस पर विधायक ने जवाब दिया कि वे स्वयं किसान भी हैं। 25 वर्ष तक आपकी तरह संघर्ष करके ही यहां तक पहुंचे हैं। किसानों की पीड़ा को भलीभांति समझते हैं। 31 अगस्त को सीएम मनोहर लाल यहां आ रहे हैं। उनसे बात करेंगे। एक या दो सितंबर को किसानों को इस बारे अवगत करा दिया जाएगा।

loksabha election banner

-----

विधायक जी! मंगवाई मिठाई, खिला दी नमकीन

11 बजकर 32 मिनट पर सैकड़ों किसान मॉडल टाउन स्थित विधायक के कार्यालय पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। नारेबाजी सुन विधायक घनश्याम दास अरोड़ा किसानों के बीच पहुंचे। प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम ¨सह चढृूनी व कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कर्म¨सह मथाना ने कहा कि 26 मई को सरस्वती शुगर मिल बंद हो गई थी। अब तक गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है। किसानों को किश्तों में पैसे दिए जा रहे हैं। सरकार ने वादा पूरा नहीं किया। किसान आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। 12 बजे तक दोनों पक्षों में बातचीत चलती रही। किसानों ने निर्णय लिया कि यदि 31 अगस्त तक भुगतान नहीं हुआ तो सीएम के साथ-साथ किसान काले झंडे लेकर रोड शो निकालेंगे। बाद में विधायक ने मिठाई मंगवाकर किसानों का मुंह मीठा कराया। कुछ किसानों ने चुटकी ली कि विधायक जी आपने तो मिठाई मंगवाई थी, लेकिन हमें तो नमकीन खिलाई गई।

------

26 अप्रैल तक का भुगतान

12 से 26 अप्रैल तक का बकाया भुगतान मिल ने कर दिया है। यह दो किश्तों में हुआ है। 24 करोड़ 20 जुलाई व 24 करोड़ रुपये 14 अगस्त को किसानों के खाते में डाले गए। कुल बकाया 136 करोड़ रुपये था जिसमें से 48 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। अब 88 करोड़ रुपये बकाया है। सरस्वती शुगर मिल ने सरकार ने 67 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की मांग की हुई है।

------

इनसेट

वित्तीय सहायता के बिना जल्द भुगतान संभव नहीं

सरस्वती शुगर मिल के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट डीपी ¨सह ने कहा कि बकाया भुगतान के लिए हमने मना नहीं किया। चीनी बेचकर किसानों के गन्ने का भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 के फार्मूले के तहत सरकार ने मिल को वित्तीय मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन मिल को यह राशि नहीं मिली। बिना वित्तीय सहायता के जल्द भुगतान किया जाना असंभव है। चीनी के बेचने की सीमा भी सरकार ने निर्धारित कर दी। जितनी चीनी बिक रही है, उस हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। 48 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.