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फैक्ट्रियां उगल रहीं जहरीला धुआं, कार्रवाई को अधिकारियों का घुट रहा दम

प्रदूषण के मामले में यमुनानगर का विश्व में 26वां स्थान आने के बावजूद जिला मिलने के बाद भी अधिकारी सुस्त हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 06:49 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 06:49 AM (IST)
फैक्ट्रियां उगल रहीं जहरीला धुआं, कार्रवाई को अधिकारियों का घुट रहा दम

संवाद सहयोगी, जगाधरी:

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प्रदूषण के मामले में यमुनानगर का विश्व में 26वां स्थान आने के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। फैक्ट्रियों की चिमनियों से जहरीला धुआं निकल रही हैं। आलम यह है कि सुबह के समय वातावरण में धुएं की काली परत देखी जा सकती है। जो दिन चढ़ने के साथ-साथ लोगों के घरों, छतों व अन्य जगहों पर बिछ जाती है। मोहल्लों में चल रही फैक्ट्री

फैक्ट्रियों से निकलने वालें जहरीले व काले धुएं की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कतें शहरवासियों को उठानी पड़ रही है। गली मोहल्लों में छोटी-बड़ी औद्योगिक ईकाइयों का जाल बिछा हुआ है। बहुत सारी इकाइयां तो ऐसी हैं, जिनके बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भनक तक नहीं हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी फैक्ट्री संचालकों ने संयंत्र लगाए हुए हैं। जबकि हकीकत इससे दूर है। सेहत बिगाड़ रही है हवा

पर्यावरणविद डाक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले धुएं की वजह से जीवनदायिनी हवा, अब सेहत बिगाड़ रही है। इनमें पीएम 2.5 कणों की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में लोग कैंसर, दमा सहित अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारियों को किसी की चिता नही है। सिस्टम का फायदा उठा रहे फैक्ट्री संचालक

पंचायत भवन परिसर स्थित ऑन लाइन कंटीन्यूअस एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिग स्टेशन साढ़े तीन किलोमीटर के दायरे में ही प्रदूषण की जांच करता है। इसके बारे में फैक्ट्री संचालक भलीभांति जानते हैं। सिस्टम की जद से बाहरी क्षेत्र में बेखौफ प्रदूषण हो रहा है। बैठक से आगे नहीं बढ़ी कमेटी

जिले में बढ़ते प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए डीसी मुकुल कुमार ने मार्च में अधिकारियों की बैठक बुलाई। निगरानी के लिए एक कमेटी का गठन भी किया। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिचाई विभाग, नगर निगम के अधिकारी शामिल किए, लेकिन कमेटी ने अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए। मॉनिटरिंग का नहीं है प्रविधान

जिस समय फैक्ट्रियों में बॉयलर चलाया जाता है, उस समय अत्याधिक मात्रा में काला धुआं निकलता है। जो कि हानिकारक होता है। सुबह के समय फैक्ट्रियों की मॉनिटरिग करने का कोई प्रविधान नहीं है।

निर्मल कश्यप, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यमुनानगर।


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