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शहीदों की मूर्तियां खंडित करने की जांच के लिए इंकलाब मंदिर पहुंचे डीएसपी

इंकलाब मंदिर गुमथला में 14 अगस्त 2017 को शहीदों की मूर्तियां खंडित किए जाने की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:15 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 10:15 AM (IST)
शहीदों की मूर्तियां खंडित करने की जांच के लिए इंकलाब मंदिर पहुंचे डीएसपी
शहीदों की मूर्तियां खंडित करने की जांच के लिए इंकलाब मंदिर पहुंचे डीएसपी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: इंकलाब मंदिर गुमथला में 14 अगस्त 2017 को शहीदों की मूर्तियां खंडित किए जाने की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। रविवार देर शाम डीएसपी रादौर कुशलपाल व जठलाना एसएचओ मनोज कुमार इंकलाब मंदिर पहुंचे। जहां पर उन्होंने इंकलाब मंदिर के संस्थापक एडवोकेट वरयाम सिंह व अन्य लोगों से पूछताछ की। डीएसपी ने बताया कि इस मामले की जांच जल्द पूरी होगी। जिन्होंने भी मूर्तियों को खंडित किया है उनके बख्शा नहीं जाएगा। खेल मंत्री के आदेशों पर शुरू हुई जांच :

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गुमथला स्थित इंकलाब मंदिर में शहीदे आजम भगत सिंह व उधम सिंह कांबोज की मूर्तियों को 14 अगस्त 2017 को शरारती तत्वों ने खंडित कर दिया था। पुलिस ने आरोपितों पर केस तो दर्ज किया लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुलिस ने इस मामले को हलके में लेते हुए बंद कर दिया था। 16 जनवरी को जिला सचिवालय में कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने खेल मंत्री संदीप सिंह पहुंचे थे। जहां पर वरयाम सिंह ने उनसे मूर्तियां खंडित करने वालों पर कार्रवाई की मांग की। संदीप सिंह ने एसपी कुलदीप सिंह यादव को दोबारा जांच के आदेश दिए थे।

इनसेट : आरोपितों ने तिरंगे का भी किया था अपमान :

वर्ष 2017 में 14 अगस्त की रात को इंकलाब मंदिर स्वतंत्रता दिवस के लिए सजाया गया था। कुछ शरारती तत्वों ने शहीदे आजम भगत सिंह व उधम सिंह की मूर्तियों को ईटें मारकर खंडित कर दिया। आसामाजिक तत्वों ने मंदिर में लगे तिरंगे झंडे को भी उखाड़कर फेंक दिया था। पुलिस ने शरारती तत्वों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने व चोरी का मामला दर्ज किया। मगर पुलिस ने देशद्रोह का केस दर्ज नहीं किया। इस मामले को लेकर एरिया में काफी समय आंदोलन हुए। पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा के माध्यम से सीएम को ज्ञापन दिया गया। तब किसी तरह से पुलिस ने देशद्रोह की धारा लगाई।


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