एंटीबायोटिक रजिस्टेंस ग्लोबल खतरा, इस पर रोक जरूरी : डॉ. दहिया
एंटीबायोटिक अवेयरनेस के तहत शुक्रवार को सिविल अस्पताल में एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे मनाया गया। जिसमें चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय दहिया ने कहा कि एंटीबायोटिक रजिस्टेंस एक ग्लोबल खतरा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एंटीबायोटिक अवेयरनेस के तहत शुक्रवार को सिविल अस्पताल में एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे मनाया गया। जिसमें चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय दहिया ने कहा कि एंटीबायोटिक रजिस्टेंस एक ग्लोबल खतरा है। इसकी वजह से करीब एक करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए इस पर रोक जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो एक समय ऐसा आएगा। जिसमें लोगों की केवल खांसी बुखार से ही मौत होने की आशंका बन जाएगी, क्योंकि कोई भी एंटी बायोटिक इन जीवाणुओं को मारने के लिए नहीं बचेगा।
लैब इंचार्ज डॉ. चारू कालरा ने कहा कि कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी एंटीबायोटिक दवाई नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि ज्यादातर बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों में चिकित्सा के तौर पर भेद नहीं किया जा सकता। ज्यादातर मरीजों को इन दवाईयों की जरूरत नहीं होती है। इसी प्रकार पोल्ट्री फीड, एग्रीकल्चर और दुग्ध उत्पादक इंडस्ट्री में भी काफी मात्रा में और गलत तरीके से अनावश्यक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। जो एंटीबायोटिक रजिस्टेंस जीवाणुओं को जन्म देता है। इस अवसर पर डॉ. सुनील, डॉ. संजना दुआ, डॉ. शिवेंद्र, डॉ. विपुल, डॉ. पुनीत, डॉ. छवि, डॉ. पूनम कोहली भी मौजूद रहे।