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24 लाख रुपये का आया ट्यूबवेल का बिजली बिल, भरने को लेकर दो विभागों में संशय

संवाद सहयोगी जगाधरी वन विभाग परिसर में पेयजल की सप्लाई के लिए लगे ट्यूबवेल का बिजली बि

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 06:12 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:12 AM (IST)
24 लाख रुपये का आया ट्यूबवेल का बिजली बिल, भरने को लेकर दो विभागों में संशय

संवाद सहयोगी, जगाधरी :

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वन विभाग परिसर में पेयजल की सप्लाई के लिए लगे ट्यूबवेल का बिजली बिल 24 लाख रुपये का आ गया। अब बिल जमा करने को लेकर वन विभाग व जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में ठनी हुई है। बिल कौन भरेगा, इसे लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। दोनों विभागों के अधिकारी पत्राचार के जरिए एक दूसरे को इतना बिल आने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हालांकि ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई अभी जारी है। वहीं जगाधरी सर्कल के बिजली निगम के एक्सईएन कुलवंत सिंह का कहना है कि जिसके नाम बिजली का कनेक्शन है। उससे बिजली का बिल वसूला जाएगा। 24 लाख का बिल कैसे आ गया। यह रिकॉर्ड देखकर बताया जा सकता है।

वर्ष 2015-16 में वन विभाग ने परिसर में ट्यूबवेल लगवाने के लिए जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिक विभाग के पास आवेदन किया गया था। विभाग ने ट्यूबवेल लगाने का एस्टीमेंट तैयार कर वन विभाग को सौंप दिया। वन विभाग की ओर से पैसे जमा करवाने के बाद ट्यूबवेल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर उसे चालू कर दिया गया। 24 लाख रुपये बिल आने पर टूटी विभाग की नींद :

उत्तर हरियाणा बिजली निगम जगाधरी की ओर से हाल ही में वन विभाग परिसर में लगे पानी के ट्यूबवेल का बिल 24 लाख रुपये भेजा गया। इसे देखकर वन विभाग के अधिकारी चकारा गए। उन्होंने इस बिल को जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया। अधिकारियों को लिखे पत्र में हवाला दिया गया कि ट्यूबवेल का कनेक्शन जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के नाम है, इसलिए बिल की अदायगी भी उनके द्वारा ही की जाए। मेंटेनेंस का पैसा ही नहीं दिया, तो कैसे भरेंगे बिल

जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब से वन विभाग परिसर में ट्यूबवेल लगा है, उन्होंने अभी तक मेंटेनेंस का कोई पैसा नहीं दिया है। ऐसे में विभाग की ओर से बिल कैसे भरा जा सकता है। परिसर में जो ट्यूबवेल लगा है, उससे वन विभाग कार्यालय व परिसर में रह रहे लोगों को ही पानी सप्लाई होता है। वन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर आह्वान किया गया है कि या तो मेंटेनेंस का पैसा दें या फिर कनेक्शन अपने विभाग के नाम करवा लें। तभी समस्या का समाधान होगा।

बिल वन विभाग द्वारा ही भरा जाएगा

वन विभाग परिसर में लगे ट्यूबवेल का 24 लाख रुपये बिल आया है। इस बारे में पत्र वन विभाग पत्र लिखा गया है। बिल वन विभाग द्वारा ही भरा जाएगा।

पलविद्र सिंह, एसडीओ, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, जगाधरी। मामला अब पता चला है

ट्यूबवेल से संबंधित बिल का मामला पहली बार विभाग के संज्ञान में आया है। समय पर उन्हें बिल के संदर्भ में बताया जाता, तो यह नौबत नहीं आती। कनेक्शन जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के नाम है। सूरजभान, डीएफओ, यमुनानगर।


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