Move to Jagran APP

ओवरलोड पर नहीं अंकुश, टूटी सड़क, हादसों का बना रहता भय

जठलाना-रादौर रोड पर रेत से भरे ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। ये वाहन कब कहां हादसे का कारण बन जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। यमुना नदी के घाट से रेत भर ये वाहन रादौर से होते हुए कुरुक्षेत्र मार्ग की ओर जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 06:47 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 06:47 PM (IST)
ओवरलोड पर नहीं अंकुश, टूटी सड़क, हादसों का बना रहता भय
ओवरलोड पर नहीं अंकुश, टूटी सड़क, हादसों का बना रहता भय

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जठलाना-रादौर रोड पर रेत से भरे ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। ये वाहन कब कहां हादसे का कारण बन जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। यमुना नदी के घाट से रेत भर ये वाहन रादौर से होते हुए कुरुक्षेत्र मार्ग की ओर जाते हैं। जठलाना और रादौर में पुलिस का नाका होने के बावजूद इन वाहनों पर कोई अंकुश नहीं है। इन वाहनों से क्षेत्र के ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इन ओवरलोड वाहनों पर नकेल कसी जाए।

loksabha election banner

रेत से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों, डंपर और ट्रकों में वजन की कोई सीमा नहीं है। निर्धारित वजन सीमा से कई गुणा अधिक रेत भरकर ले जाया जा रहा है। इन वाहनों के चलने से सड़क टूट चुकी है। गुमथला मोड़ से लेकर रादौर के त्रिकोणी चौक तक सड़क जर्जर हो चुकी है। दिनरात इस मार्ग पर रेत से भरे ये वाहन फर्राटे भर रहे हैं। इन ओवरलोड वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगती हैं। कई बार स्थिति इतनी भयंकर होती है कि इनको क्रॉस करना मुश्किल हो जाता है। ट्रैक्टर ट्रॉलियों में इतना अधिक वजन होता है कि ट्रैक्टर के अगले पहिये तो सड़क पर लगते ही नहीं। इनसे पानी टपकता है और सड़कें टूट रही हैं। इनसेट

मार्ग पर हैं कई स्कूल

मॉडल टाउन करेड़ा से लेकर रादौर तक इस मार्ग पर कई शिक्षण संस्थान है। इन भारी वाहनों की आवाजाही के कारण शिक्षण संस्थानों में जाने वाले बच्चों की जान को भी खतरा बना रहता है। क्योंकि इन वाहनों की गति का भी कोई मापदंड नहीं है। इन वाहनों की आवाजाही का समय निर्धारित होना चाहिए। उस समय इन वाहनों की आवाजाही पर रोक होनी चाहिए जब बच्चे स्कूल जाते हैं या स्कूल से लौटते हैं। इन वाहनों के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

नाकों के बावजूद गुजरते वाहन

जठलाना पुलिस गुमथला मोड़ पर, रादौर पुलिस कंड्रोली मोड़ और त्रिकोणी चौक पर नाके लगे हैं। बावजूद इसके रेत से लदे वाहन धड़ल्ले से गुजर जाते हैं। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि यदि पुलिस को इनकी शिकायत भी की जाए तो कोई कार्रवाई नहीं होती। आरटीए की टीम कभी-कभार दो-चार वाहनों के चालान करती है। उसके बाद स्थिति ज्यों कि त्यों हो जाती है। इन वाहनों की नियमित रूप से जांच होनी चाहिए। सीएम को करेंगे शिकायत

बरेहड़ी गांव के पवन कुमार नंबरदार, सतपाल, पवन कुमार और पालेवाला के संजीव राणा का कहना है कि इस मार्ग पर ओवरलोड वाहनों के कारण चलना मुश्किल हो गया है। पुलिस को शिकायत करने के बावजूद इन पर अंकुश नहीं है। सड़क भी टूटकर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। मामले की शिकायत अब सीएम मनोहर लाल को करेंगे। यदि फिर भी ओवरलोड पर अंकुश नहीं लगा तो ग्रामीण ओवरलोड के खिलाफ आंदोलन करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.