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18 लाख बकाया नहीं मिले, ठेकेदार ने जहर खा लिया..पैसे न होने पर अस्पताल में इलाज न मिला, आखिरकार दम तोड़ा

फोटो : 40, 41 - व्यापारी से लेने थे 30 लाख मिले 12 लाख बकाया न मिलने पर की खुदकुशी मंडौली गांव निवासी कुनाल ने ससौली की अमरपुरी कालोनी के प्लाइवुड व्यापारी दीपक से परेशान होकर जहरीला पदार्थ निगल कर जान दी थी। मृतक को व्यापारी ने ममीदी में मिट्टी भराव का ठेका वर्ष 2016 में 30 लाख रुपये में दिया था। यहां उसको प्लाइवुड फैक्ट्री लगानी थी। तय पैसों में से केवल 12 लाख रुपये दिए, बाकि 18 लाख रुपये न मिलने से वह परेशान था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 12:59 AM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 12:59 AM (IST)
18 लाख बकाया नहीं मिले, ठेकेदार ने जहर खा लिया..पैसे न होने पर अस्पताल में इलाज न मिला, आखिरकार दम तोड़ा

फोटो : 40, 41

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- व्यापारी से लेने थे 30 लाख मिले 12 लाख बकाया न मिलने पर की खुदकुशी

-पैसे की कमी के कारण निजी अस्पताल में भी चिकित्सकों ने नहीं दिया उपचार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मंडौली गांव निवासी कुनाल ने ससौली की अमरपुरी कालोनी के प्लाइवुड व्यापारी दीपक से परेशान होकर जहरीला पदार्थ निगल कर जान दी थी। मृतक को व्यापारी ने ममीदी में मिट्टी भराव का ठेका वर्ष 2016 में 30 लाख रुपये में दिया था। यहां उसको प्लाइवुड फैक्ट्री लगानी थी। तय पैसों में से केवल 12 लाख रुपये दिए, बाकि 18 लाख रुपये न मिलने से वह परेशान था। यह आरोप कुनाल की मां कृष्णा ने लगाया। आरोपित की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बुधवार को परिजन सिविल अस्पताल में अड़ गए। बाद में एसएचओ थाना सदर यमुनानगर राजीव मिगलानी के समझाने पर शांत हुए। दो दिन के अंदर आरोपित को गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया। तब परिजन संस्कार के लिए शव सिविल अस्पताल से लेकर गए।

इलाज में पांच हजार जमा न कराने पर देरी से मिला उपचार

कृष्णा ने बताया कि उपचार के लिए रेलवे रोड स्थित निजी अस्पताल में लेकर गए थे। उनको पांच हजार रुपये जमा कराने की बात कही गई लेकिन उस वक्त उनके पास पांच सौ रुपये थे। आरोप है कि पैसे जमा न होने तक कुनाल को डॉक्टरों ने इलाज देना शुरू नहीं किया। पांच हजार रुपये जमा करने के बाद ही इलाज दिया गया। तब तक काफी देर हो गई। चिकित्सक ने बताया कि इंजेक्शन लगे हैं। इसलिए वह बात नहीं कर पा रहा। जब पुलिसकर्मी बयान लेने आया तो उनको पता चला कि कुनाल दम तोड़ चुका है। यह लिखा सुसाइड नोट में

मैं कुनाल होश हवाश में लिख रहा हूं। मैं दीपक राणा की वजह से ¨जदगी से परेशान हो गया हूं। 30 लाख रुपये में से मेरे पास 12 लाख रुपये आए हैं। 18 लाख रुपये बकाया है। तीन माह के बाद उसको फोन आया कि वह दूसरी जगह काम कर लें। वह बताई गई साइट पर गया। वहां जाकर उसने देखा कि वहां नगर निगम के कर्मी कूड़ा उठाकर फेंक रहे हैं। उसने उनको बताया कि ये काम तो उसने लिया है। बातचीत करने पर पता चला दीपक राणा ने ये काम उक्त कर्मियों को दे दिया। दीपक ने कहा कि पैसे जल्द दे देगा, लेकिन तीन चार माह बीतने पर भी पैसे नहीं दिए गए। बाद में पैसे देने से साफ मना कर दिया। वह फोन करता है तो फोन उठाया नहीं। अब मैं खुद खुशी करने जा रहा हूं ।

मिट्टी भराई का काम कराता था कुनाल

मंडौली निवासी 32 वर्षीय कुनाल मिट्टी भराई की ठेकेदारी का काम करता था। वह काफी समय से पैसे के लेने देन को लेकर परेशान चल रहा था। परिजनों के मुताबकि उसने गांव के नजदीक कोई जहरीला पदार्थ निगला था। जब उसकी तबीयत बिगडने लगी तो उसने अपने दोस्त को फोन कर बुलाया, जो उसे शहर के निजी अस्पताल में लेकर गया। उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। उसके पास से मिले सुसाइड नोट में उसने दीपक राणा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। दो दिन में गिरफ्तारी न होने पर करेंगे आंदोलन

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर परिजनों के पास हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी पृथ्वी ¨सह भी पहुंचे। उन्होंने परिवार के लोगों से बात की। गिरफ्तारी की मांग पर अड़े परिजनों को भी समझाया। उन्होंने खुद एसएचओ से भी बात की। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर दो दिन के अंदर आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह लोग सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। हंगामा बढ़ते देख तैनात किया पुलिस

आरोपित की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े परिजनों ने सिविल के बाहर हंगामा कर दिया। सूचना पर तहसीलदार, डीएसपी, थाना सदर जगाधरी प्रभारी सहित कई थानों की पुलिस पहुंची। परिजनों से बातचीत की। वर्जन

दो दिन में होगी गिरफ्तारी :

थाना सदर यमुनानगर प्रभारी राजीव मिगलानी ने परिजनों को बताया कि दीपक राणा पर केस दर्ज कर लिया है। आरोपित को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। दो दिन के अंदर वह पुलिस गिरफ्त में होगा। अगर परिवार के लोगों को भरोसा नहीं है तो वह रेड पर पुलिस के साथ जा सकते हैं। आश्वासन मिलने के बाद ही परिवार के लोग शांत हुए और शव को दाह संस्कार के लिए लेकर गए। वहीं दीपक राणा से जब बात करने के लिए संपर्क किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई।


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