Move to Jagran APP

जुर्माना कम होते ही धरना खत्म

विशेष जांच टीम ने अवैध खनन कर रहे वाहनों को पकड़ा। विरोध में चालकों ने रॉयल्टी दफ्तर पर गुस्सा उतारा। तोड़फोड़ की। पुलिस ने केस दर्ज किया तो धरना शुरू कर दिया। दावा था कि वह वैध कार्य कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 09:30 AM (IST)
जुर्माना कम होते ही धरना खत्म

विशेष जांच टीम ने अवैध खनन कर रहे वाहनों को पकड़ा। विरोध में चालकों ने रॉयल्टी दफ्तर पर गुस्सा उतारा। तोड़फोड़ की। पुलिस ने केस दर्ज किया, तो धरना शुरू कर दिया। दावा था कि वह वैध कार्य कर रहे हैं। गलती रॉयल्टी वालों की है। कई दिन तक खूब हो हल्ला किया। टैंट लगाकर धरना शुरू कर दिया गया। पुलिस ने जो केस दर्ज किया था, उसमें आरोपितों की गिरफ्तारी की। कोर्ट से साथ ही जमानत मिल गई, तो खूब ढोल बजाए गए। जिस मांग को लेकर धरना दे रहे थे। उस पर बात ही नहीं बनी। मांग थी कि खनन क्षेत्र से ही उन्हें ई रवाना जारी किया जाए। इस मांग पर कोई सहमति नहीं बनी। इस बीच एनजीटी ने अवैध खनन में पकड़े वाहनों का जुर्माना कम कर दिया। यह जुर्माना खत्म हुआ, तो धरना देने वाले भी शांत हो गए। चुपचाप धरना खत्म कर दिया।

loksabha election banner

इन साहब से मिठाई वाला भी परेशान

पुलिस पर आरोप लगते हैं कि वह दुकानदारों से मुफ्त में खाना मंगवाते हैं। पुलिसकर्मी की शिकायत तो अधिकारियों से की जा सकती है। यदि पुलिस का अधिकारी ही इस तरह की हरकत करने लगे, तो जनता किससे गुहार लगाए। ताजा मामला एक पुलिस अधिकारी का है। उसे मिठाई बेहद पसंद हैं। अब उसे जब भी मिठाई चाहिए, तो गाड़ी उठाकर पहुंच जाता है दुकान पर। मिठाई खाने या लेने में कोई बुराई नहीं, लेकिन मुफ्त की मिठाई से दिक्कत है। दुकानदार भी उसकी गाड़ी को देखकर छिपने की कोशिश करता है, लेकिन वह छिप नहीं पाता। कई बार उसके पास से मिठाई लेकर जा चुका है। उसे पैसे भी नहीं दिए। अब दुकानदार परेशान है। सोच रहा है कि उसकी ही दुकान पर क्यों इन साहब की गाड़ी रूकती है। दुकानदार भी शिकायत करने से डर रहा है। डर है कि साहब किसी मामले में फंसा न दें।

इस अपहरण कांड की कहानी में झोल

मेटल व्यापारी की नाबालिग बेटी का अपहरण हुआ। दो करोड़ की फिरौती का मामला सामने आया। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए किशोरी को बरामद कर लिया, लेकिन इस अपहरण की कहानी को कागज पर उतारने में पुलिस के पसीने छूट गए। सुबह किशोरी को बरामद किया। शाम तक पुलिस यह तय नहीं कर पाई कि मीडिया को इस अपहरण कांड के बारे में क्या कहानी बतानी है। किसी तरह से शाम को बताया गया कि किशोरी का उसके ही जानकार साथी ने अपहरण किया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया था कि तीन लोगों ने अपहरण किया, लेकिन जब किशोरी के 164 के बयान हुए, तो पुलिस की कहानी उल्टी पड़ गई। किशोरी ने कहा कि दो युवकों ने अपहरण किया। पुलिस ने जिसे पकड़ा, उसे तो मदद के लिए बुलाया था। जिसे पकड़ा, वह भी नाबालिग निकला। जिस पर भी पुलिस को कोर्ट की फटकार सुननी पड़ी।

इस विवाद का क्या हल निकलेगा

जगाधरी में रविवार को लगने वाले फड़ी बाजार ने बड़े दुकानदारों की परेशानी बढ़ा रखी है। ये फड़ी वाले दुकानदारों से अधिक का कारोबार कर लेते हैं। बड़ी दुकानों पर ग्राहक नहीं पहुंचता। जिसका फायदा फड़ी वाले उठाते हैं। परेशान दुकानदार पुलिस से भी मिले, लेकिन कोई बात नहीं बनी। रविवार को सुबह जब फड़ी वाले पहुंचे, तो दुकानदारों से उनकी झड़प हो गई। अब विवाद यह है कि दुकानदारों का भी अपना रोजगार ठप हो रहा है। यदि फड़ी वाले हटते हैं, तो उनका भी रोजगार छिनता है। ग्राहक पर तो कोई दबाव नहीं बना सकता। वह जहां से चाहे सामान खरीदें। दुकानदारों का रोना यह है कि लाखों रुपये लगाकर दुकानें तैयार की है। अब इनमें ग्राहक नहीं आ रहे। फड़ी लगाने वालों का रोना यह है कि उनके पास लाखों रुपये दुकान में लगाने के लिए नहीं। इसलिए ही यहां पर सामान बेचकर गुजारा कर रहे हैं। प्रस्तुति : पोपीन पंवार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.