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पुल बनने से गांव में खुलेगी विकास की नई राह

संवाद सहयोगी, रादौर : यमुनानदी के नगली घाट पर लगभग 112 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एक

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 01:46 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 01:46 AM (IST)
पुल बनने से गांव में खुलेगी विकास की नई राह

संवाद सहयोगी, रादौर : यमुनानदी के नगली घाट पर लगभग 112 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एक किलोमीटर लंबे पुल से जठलाना क्षेत्र के गांव में विकास की नई राह खुलने जा रही है।

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जठलाना क्षेत्र के गांव संधाला, संधाली, माजरी, गुमथला, एमटी करहेडा, जठलाना, उन्हेडी,बागवाली, पौबारी, निकुंभ आदि गांवों के किसानों की यमुनानदी पार लगभग 5 हजार एकड़ भूमि है। जिस पर किसान खेती कर रहे है। यमुनानदी में बाढ़ आने पर किसान महीनों-महीनों यमुनानदी पार अपने खेतों में नही जा पाते। उन्हें खेतों में जाने के लिए कलानौर के रास्ते उत्तरप्रदेश के नसरूलागढ व टाबर गांव से होकर अपने खेतों में जाना पडता है। जिससे किसानों को अधिक धन व समय खराब करना पड़ता है। संधाला गांव के पूर्व सरपंच डॉ सुखबीर कांबोज, पूर्व सरपंच शिवकुमार संधाला ने बताया कि पुल बनने से किसान कुछ ही देर में अपने खेतों में पहुंच सकेंगे। पहले किसान यमुनानदी पार नाव या गुमथला घाट के अस्थाई पुल से खेतों में जाते रहे है, लेकिन अब पुल बनने पर किसान यमुना नदी पार अपने खेतों में हर रोज जाकर अपनी फसलों की सही देखभाल कर सकेंगे।

यमुनानदी के नगली घाट पर पुल बनने की घोषणा होते ही जठलाना क्षेत्र में जमीनों के दाम बढने की संभावनाएं जताई जा रही है। आम तौर पर यमुनानदी पार की जमीन के दाम कम रहे है। इसका कारण किसानों ने यमुना पार जाने के लिए रास्तों की कमी को बताया है। वहीं अधिक दूर होने पर किसान फसलों की अच्छी देखभाल नहीं कर पाते। जिससे फसलों के उत्पादन पर असर पडता है। अब पुल बनेगा तो किसान पुल के रास्ते अपने खेतों में आसानी से जा सकेंगे।


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