जिले में सहकारी शुगर मिल लगाने की मांग, प्रबंधकों पर बाहर का गन्ना खरीदने का आरोप
भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह का कहना है किसानों का गन्ना नहीं खरीदा जा रहा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश की 14 गन्ना मिल में तीन प्राइवेट व 11 सहकारी हैं। जिसमें पलवल व करनाल शुगर मिल की हालत खराब है। प्रदेश की सबसे बड़ी शुगर मिल यमुनानगर में है। इस मिल के बारे में चार दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री को कुछ बिदुओं को लेकर शिकायत की थी। जिसमें दूसरे राज्यों के गन्ने की फर्जी बांड से की जा रही खरीदारी, गन्ना भुगतान में टोकन प्रणाली खत्म करना, गन्ना सोसायटी की तरह जो किसान गन्ना सप्लाई करते हैं उनसे भेदभाव खत्म करने, शाहबाद शुगर मिल की तर्ज पर गन्ना सप्लाई का कैलेंडर बनाने व किसानों को छोटे क्रेशर लगाने की छूट देने की मांग की थी। यह शिकायत 12 दिसंबर को कृषि आयुक्त व नौ फरवरी को कृषि मंत्री को भी दी थी, लेकिन आज तक सरकार व प्रशासन ने मिल की जांच कराने की जहमत नहीं उठाई। केन कंट्रोल बोर्ड पर भी सरस्वती शुगर मिल का प्रभाव है। मिल अपने हिसाब से कानून बनवाता है। सरकार ने यह साबित कर दिया वह साहुकार के साथ है। भारतीय किसान संघ इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप सिंह ने कहा शुगर मिल में यह समस्या छह वर्षों से आ रही है। शुगर मिल ने गन्ना दलाल खड़ा कर दिया जो मिल प्रबंधकों से मिलकर उत्तर प्रदेश से गन्ना लाकर सरस्वती शुगर मिल में सप्लाई करते हैं। वह नारायणगढ़, भादसो, करनाल के आसपास के गांव जो दूसरे शुगर मिलों के क्षेत्र में आते हैं उनकी फर्जी बांडिग कर गन्ना ला रहे हैं। जिससे क्षेत्र का किसान परेशान है। अगर यही हालात रहे तो किसान गन्ने की खेती से मुंह मोड़ लेगा। प्रदेश सरकार को चाहिए कि यमुनानगर में भी एक सहकारी शुगर मिल लगाया जाए ताकि यहां का किसान एक साहूकार के भरोसे न रहे। भारतीय किसान संघ सोमवार से गन्ना यार्ड में जांच करेगा की बाहरी गन्ना कितना आ रहा है। अगर वहां बाहर का गन्ना दिखता है तो उसे यार्ड से बाहर किया जाएगा।