फसल अवशेष जलाने से पोषक तत्वों का होता नुकसान : मुकुल
उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से पोषक तत्वों का नुकसान होता है। फसल अवशेष जलाने से 100 प्रतिशत नाईट्रोजन 25 प्रतिशत फास्फोरस 20 प्रतिशत पोटाश और 60 प्रतिशत सल्फर का नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि इससे जैविक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी कीटों का नुक्सान होता है।
जासं, यमुनानगर : उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से पोषक तत्वों का नुकसान होता है। फसल अवशेष जलाने से 100 प्रतिशत नाईट्रोजन, 25 प्रतिशत फास्फोरस, 20 प्रतिशत पोटाश और 60 प्रतिशत सल्फर का नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि इससे जैविक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी कीटों का नुक्सान होता है। कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बनडाई आक्साइड, राख, सल्फर हाईआक्साइड, मीथेन औ अन्य अशुद्धियां उत्पन्न होती है। वायु प्रदूषण बढ़ता है। इन्हें जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ भूंडलीय तापमान में बढ़ोतरी होती है। उपयुक्त समय पर बिजाई संभव होती है। फसल अवशेष पोटाश व अन्य पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है। इस प्रकार विदेशी मुद्रा बचती है। पानी की बचत होती है।