साइबर अपराधियों की डिजिटल करंसी पर नजर, निवेशक बनकर ले रहे झांसे में
साइबर अपराधी आनलाइन यूजर की डिजिटल करंसी हड़पने के लिए निवेशक बनकर झांसे में ले रहे हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर की रिसर्च में यह सामने आया है। जिसे देखते हुए पुलिस विभाग की ओर से एडवाइजारी जारी की गई है। लोगों को भी इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिससे वह साइबर ठगी का शिकार होने से बच सके।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
साइबर अपराधी आनलाइन यूजर की डिजिटल करंसी हड़पने के लिए निवेशक बनकर झांसे में ले रहे हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर की रिसर्च में यह सामने आया है। जिसे देखते हुए पुलिस विभाग की ओर से एडवाइजारी जारी की गई है। लोगों को भी इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिससे वह साइबर ठगी का शिकार होने से बच सके। एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि साइबर अपराधी इस प्रकार का साइबर फ्रोड करने के लिए इंटरनेटर मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम, इंस्टाग्राम व यूट्यूब आदि की चैट सेवाओं का प्रयोग करते हैं। इसमें साइबर अपराधी स्वयं को प्रसिद्ध क्रिप्टो विश्लेषक, परामर्शदाता या निवेशक के रूप में दर्शाकर अपनी निवेश योजनाओं का विज्ञापन करते हैं। वह आनलाइन यूजर को करंसी लांच के 10-15 दिनों के अंदर अच्छे रिटर्न का लालच देते हैं। आनलाइन यूजर को क्रिप्टो करंसी में निवेश या लेन-देन के लिए प्राइवेट क्रिप्टो वालेट प्रदान किया जाता है। जब टारगेट यूजर लेन-देन पूर्ण कर लेते हैं, तो साइबर अपराधी पीड़ितों को ब्लाक कर देते हैं और इंटरनेट मीडिया से लिक हटा लेते हैं। इस तरह से बचे साइबर अपराध से :
-इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर क्रिप्टो करंसी या वित्तीय लेन-देन से बचे। -साइबर अपराधियों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट का कमेंट सेक्शन चेक करें, क्योंकि वह नकारात्मक टिप्पणियों को छिपाने के लिए कमेंट सेक्शन को डिसेबल कर देते हैं। -अज्ञात व्यक्ति को वायर ट्रांसफर व गिफ्ट कार्ड के माध्यम से क्रिप्टोकरंसी में अदा करने से बचे। -असत्यापित सोर्स से थर्ड पार्टी मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करने से बचे। -संदेहास्पद यूआरएल व लिक पर जवाब या क्लिक न करे।