संतुष्टि पत्र का प्रस्ताव : पार्षद बोले-खोले जा रहे कमीश्नखोरी के रास्ते, मेयर ने कहा- यही तो बंद कर रहे हम
हाउस की बैठक में पार्षद की अन उपलब्धता या व्यस्तता होने पर महापौर व विधायक से संतुष्टि पत्र लेने के बाद विकास कार्यों की पेमेंट किए जाने का भी प्रस्ताव आया। जैसे ही इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुए तभी विपक्ष के पार्षदों ने हाथ खड़े कर दिए। हालांकि भाजपा पार्षदों के बहुमत के चलते इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया लेकिन भारी हंगामे के बीच पास हुआ।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : हाउस की बैठक में पार्षद की अन उपलब्धता या व्यस्तता होने पर महापौर व विधायक से संतुष्टि पत्र लेने के बाद विकास कार्यों की पेमेंट किए जाने का भी प्रस्ताव आया। जैसे ही इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुए तभी विपक्ष के पार्षदों ने हाथ खड़े कर दिए। हालांकि भाजपा पार्षदों के बहुमत के चलते इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया, लेकिन भारी हंगामे के बीच पास हुआ। इनसेट
छीनी जा रही पार्षदों से पावर
वार्ड नंबर-13 से पार्षद निर्मला चौहान, वार्ड-4 से देवेंद्र कुमार, वार्ड पांच से विनय कुमार व वार्ड नगर तीन से हरलीन कौर ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके पार्षदों की पॉवर छीनी जा रही है और कमीश्नखोरी के रास्ते खोले जा रहे हैं। केवल दो प्रतिशत कमीश्न के चक्कर में यह खेल खेला जा रहा है। विकास कार्यों को लेकर कहीं अनियमितता सामने पर आने वार्डवासी उनसे शिकायत करते हैं। यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो उनका हस्तक्षेप बिल्कुल खत्म हो जाएगा। ठेकेदार बेलगाम होंगे। अपनी मनमर्जी से काम करेंगे। पार्षद शहर के हित में ही आवाज उठाते हैं। उनको किसी प्रकार का प्रलोभन नहीं है। गलत काम होने पर किसी भी सूरत में ठेकेदार की पेमेंट नहीं होने देंगे। पार्षद देवेंद्र कुमार यहां तक कह गए कि हाउस की बैठक में प्रस्ताव बेशक पास हो गया हो, लेकिन वे ठेकेदारों की मनमर्जी नहीं चलने देंगे। बाद में वार्ड नंबर-8 से पार्षद विनोद मरवाह ने भी इस प्रस्ताव को विरोध किया। वे बोले कि पार्षदों से उनकी पॉवर छिनी जा रही है।
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वार्ड नंबर-13 से पार्षद निर्मला चौहान ने कहा कि यदि महापौर व विधायक संतुष्टि पत्र देने का काम करेंगे तो पार्षद क्या करेंगे। विधायक को तो विधानसभा से जुड़े बड़े काम देखने चाहिए। इन नालियों-गलियों के कामों में नहीं उलझना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने निगम के काम एजेंसियों द्वारा करवाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को ये काम करने चाहिए।
हम कमीश्नखोरी के रास्ते बंद कर रहे हैं
मेयर मदन चौहान ने कहा कि पार्षदों को विचलित होने की जरूरत नहीं है। पार्षद की अनउपलब्धता या व्यवस्तता के चलते ही महापौर व विधायक से संतुष्टि पत्र लिया जाएगा। पार्षदों की पावर नहीं छीनी जा रही है बल्कि एक व्यवस्था बनाई जा रही है। हमारी सरकार ने तो कमीश्नखोरी के रास्ते बंद किए हैं। शहर में हो रहे विकास कार्यों को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं होगा।