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गोचरान की भूमि से हटे अवैध कब्जे तो मिले गोवंश को संरक्षण

बेसहारा गोवंश प्रशासन की लचर व्यवस्था को कोस रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 07:10 AM (IST)
गोचरान की भूमि से हटे अवैध कब्जे तो मिले गोवंश को संरक्षण
गोचरान की भूमि से हटे अवैध कब्जे तो मिले गोवंश को संरक्षण

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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बेसहारा गोवंश प्रशासन की लचर व्यवस्था को कोस रहा है। चारा न मिलने के कारण सड़कों के किनारे कचरे में मुंह मारने पर मजबूर है। शहर एरिया के साथ-साथ ग्रामीण में भी गोवंश की बेकद्री हो रही है। न गोशालाओं में जगह मिल रही है और न ही गोचरान की भूमि से अवैध कब्जे हटवाने के लिए प्रशासन आगे आ रहा है। हालांकि कुछ गोसेवक आगे आ रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। गोसेवकों का कहना है कि गोवंश को संरक्षण के लिए गोचरान की जमीन से अवैध कब्जे हटना जरूरी है। गमलों को तोड़ देते

हुडा के सेक्टरों, प्रोफेसर कालोनी, सरोजनी कालोनी, प्रोफेसर कालोनी, कांसापुर रोड, बस स्टैंड सहित अन्य कई कालोनियों में बेसहारा गोवंश दिनभर घूमता रहता है। इनको न खाने के लिए चारा और न ही समय पर पीने के लिए पानी मिलता है। कई बार तो गोवंश घरों के बाहर रखे गमलों व पौधों को भी नुकसान पहुंचा देते हैं। यदि इनको रोका जाए जो मारने उतारू हो जाते हैं। बच्चे व बुजुर्ग बाहर निकलने से कतराते हैं। क्योंकि शहर में कई बार हादसे हो चुके हैं। कई बार वाहन के साथ भी गोवंश टकरा जाते हैं। गोवंश का संरक्षण करे प्रशासन

गोसेवक मनिेंद्र सिंह, राम प्रकाश व मनीश कुमार का कहना है कि गोवंश का संरक्षण जरूरी है। प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए। क्योंकि गोवंश खुद भी संकट में है और दूसरों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। इनको गोशालाओं में आश्रय नहीं मिल रहा है। जिसके चलते बेसहारा गोवंश सड़कों पर धक्के खा रहा है। अधिकारियों को इस बारे संज्ञान लेना चाहिए। गोशालाओं का विस्तार कर इनको आश्रय दिया जाना चाहिए।


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