यमुनानगर व उप्र के अफसरों की बनी कमेटी, नक्शा देखकर की पैमाइश, आज शुरू करेंगे निशानदेही
-बेलगढ़ में सीमा विवाद सुलझाने की कवायद
-बेलगढ़ में सीमा विवाद सुलझाने की कवायद
संवाद सहयोगी, छछरौली :
बेलगढ़ में हरियाणा व उप्र सीमा विवाद को रोकने के लिए दोनों ओर के प्रशासन की ओर से कवायद शुरू हो गई। दोनों ओर के प्रशासनिक अफसरों की कमेटी बनाई गई। जिसमें एसडीएम शामिल किए गए हैं। मंगलवार को दोनों जिलों के अधिकारी नक्शे की जांच पड़ताल में लगे रहे। हालांकि निशानदेही का कार्य शुरू नहीं हो सका। एसडीएम बिलासपुर डा. विनेश कुमार ने बताया कि सीमा को लेकर दोनों प्रदेशों के बीच कोई विवाद नहीं है। बाउंड्री तय करने के लिए कुछ समय पहले बेलगढ़ के पास पिलर लगाए गए थे। जिनमें से कई पिलर नदी में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब इन्हें दोबारा लगाया जाएगा। बुधवार से यह कार्य शुरू होगा। 2003 के नक्शे से हो रही है पैमाइश :
मंगलवार को उप्र के सहारनपुर व यमुनानगर के प्रशासनिक अफसर बेलगढ़ में पहुंचे। यहां पर वर्ष 2003 के नक्शे के हिसाब से जमीन की पैमाइश की गई। नक्शे के हिसाब से सीमा तय की जाएगी। इसलिए ही दोनों ओर के अफसर नक्शे लेकर पहुंचे। काफी देर तक नक्शों को लेकर मंथन चला। बाद में तय हुआ कि कमेटी बनाकर पैमाइश की जाए और फिर निशानदेही की जाए। जिससे कोई भी विवाद न हो। पहले पिलर सही नहीं लगे थे :
एसडीएम बेहट दीप्ति देव ने बताया कि देवधर बेलगढ़ सीमा पर लगे पिलर सही नहीं है। निशानदेही में दो पिलर लगाए जाते हैं, लेकिन देवधर सीमा पर केवल एक ही पिलर मिला है। उसे उचित नहीं माना जा सकता। अब दोनों ओर के प्रशासनिक अफसरों की कमेटी में नक्शे की जांच व सहमति के बाद पिलर लगाए जाएंगे। यह था मामला :
रविवार को उप्र की ओर से तैनात पीएसी के जवानों ने हरियाणा के तीन खनन सामग्री से भरे डंपरों को पकड़ लिया। जिसका खनन कारोबारियों ने कड़ा विरोध किया। मामले ने तूल पकड़ा, तो पुलिस की टीमें पहुंची और पीएसी से डंपरों को छुड़वाया। आरोप था कि पीएसी के जवानों ने हरियाणा की सीमा में घुसकर वाहनों को पकड़ा। यह गलत है। पीएसी के कर्मचारियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। बाद में दोनों ओर के अफसर आए। तभी पीएसी कर्मियों को छोड़ा गया था। 20 साल से अधूरी है पैमाइश :
बेलगढ़ में हरियाणा की सीमा पर 20 वर्षों से विवाद चला आ रहा है। पहले भी पांच-छह बार यहां पर निशानेदही हुई, लेकिन वह कार्य सिरे नहीं चढ़ सका। किसान नंदलाल चौधरी, अमित कुमार, सौरभ, विनय कुमार का कहना है कि जिस प्रकार से बेलगढ में दोनों प्रदेशों की सीमा को लेकर हर बार विवाद गहरा जाता है। इसलिए यहां पर प्रशासन को हल निकालना चाहिए। ताकि टकराव की स्थिति न बने।