चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी चटकारे, शहर के विकास के साथ राष्ट्र की सुरक्षा पर भी चर्चा
शहर की फिजा में पूरी तरह चुनावी रंग घुल गया है। हर जुबां पर विधानसभा चुनाव की चर्चा है। शहर की नब्ज जांचने के लिए दैनिक जागरण संवाददाता ने प्यारा चौक की ओर रुख किया। मन में आया क्यों न एक कप चाय का हो जाए। बस यही सोचकर रिक्शा चौक स्थित कांति टी-स्टाल पर बाइक रोकी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर की फिजा में पूरी तरह चुनावी रंग घुल गया है। हर जुबां पर विधानसभा चुनाव की चर्चा है। शहर की नब्ज जांचने के लिए दैनिक जागरण संवाददाता ने प्यारा चौक की ओर रुख किया। मन में आया क्यों न एक कप चाय का हो जाए। बस यही सोचकर रिक्शा चौक स्थित कांति टी-स्टाल पर बाइक रोकी। यहां पहले से चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी चटकारे लिए जा रहे थे। स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय मुद्दों पर भी बहस।
यह जानने के लिए कि लोगों के मन में क्या सवाल चल रहे हैं? लोग इस बार किन मुद्दों को अहम मान रहे हैं और किन पहलूओं को ध्यान में रखते हुए वोट डालेंगे? बातचीत के दौरान सामने आया कि शहर में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के साथ शहर के विकास कार्यो की ओर सबकी नजर रहेगी। राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले की यदि बात की जाए तो एक राष्ट्रीय और एक क्षेत्रीय दल के बीच बताया। दोनों दलों से कदावर नेता मैदान में हैं। दोनों दूसरी बार आमने-सामने हो रहे हैं।
विकास करने वाला हो
बुजुर्ग जगदीश कमल धमीजा और कांति प्रसाद कहते हैं कि राजनीतिक दल कोई भी हो, बस प्रत्याशी काम करने वाला होना चाहिए। विकास की दौड़ में शहर को पीछे नहीं, बल्कि आगे ले जाने की सोच रखने वाला हो। शहर की जनता चाहती है कि शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, रोजगार व शहर के विकास पर पूरा फोकस हो। शहर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। आपराधिक गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगे। उनका कहना है कि पांच वर्ष में एक काम तो सराहनीय हुआ है। कम से कम नौकरियां तो योग्य बच्चों को मिलने लगी हैं।
भाजपा-इनेलो में टक्कर
चाय की चुस्कियां ले रहे प्रदीप व नवाब कहते हैं कि भाई यमुनानगर में इस बार कांटे की टक्कर बनीं हुई है। टक्कर तो भाजपा व इनेलो के बीच ही रहेगी। कांग्रेसी भी जोर लगा रहे हैं। 24 अक्टूबर को जनता का निर्णय सामने आ जाएगा। हम चाहते हैं कि स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय मुद्दों को गंभीरता से लेने वाली सरकार बने। राष्ट्रीय सुरक्षा व आर्थिक मजबूती भी जरूरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में सरकार ठोस कदम उठाए। ताकि बार-बार आतंकी हमले से होने वाले राष्ट्रीय नुकसान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।
पांच साल में काफी काम हुआ
शहरवासी प्रदीप कुमार और कपिल कुमार का कहना है कि पांच साल में कोई भी पार्टी पूरी तरह विकास कार्यो को अंजाम नहीं दे सकती। मोदी सरकार ने बीते पांच साल में कई ठोस कदम उठाए हैं, जो पहले की सरकारों ने कभी नहीं किया। इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा, रोजगार और विकास यह तीनों ही राष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्दे रहेंगे। शहर की बात की जाए तो पांच वर्ष में काफी काम हुआ है, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था और पानी की निकासी जैसी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए।