सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिली वर्दी की राशि
सत्र के आठ माह बीत जाने के बावजूद सरकारी स्कूलों में ब'चों को वर्दी की राशि नहीं मिली है। स्टेशनरी व स्कूल बैग के लिए भी ब'चों को इंतजार करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सत्र के आठ माह बीत जाने के बावजूद सरकारी स्कूलों में बच्चों को वर्दी की राशि नहीं मिली है। स्टेशनरी व स्कूल बैग के लिए भी बच्चों को इंतजार करना पड़ रहा है। मामले को लेकर बृहस्पतिवार को हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ की बैठक हुई।
जिला उप प्रधान प्रवीण कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूलों में मिलने वाले बच्चों की वर्दी की राशि नहीं मिल रही है। साथ ही पिछले दो वर्षों से लटकी पड़ी 40 प्रतिशत बच्चों की वर्दी की राशि और स्टेशनरी व स्कूल बैग की राशि भी नहीं मिली है। इस सत्र के आठ माह बीत जाने के बाद भी बच्चों को वर्दी की राशि नहीं दी गई। इन छात्र छात्राओं के साथ भद्दा मजाक है। सरकार की तरफ से हो रही देरी से सरकार की स्कूलों और छात्र- छात्राओं के प्रति नकारात्मक सोच का पता चलता है। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्षों से इन छात्र छात्राओं को बैग और स्टेशनरी के लिए दी जाने वाली राशि भी प्रदान नहीं की गई है, जबकि सरकार खुद को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का हितैषी होने का दावा करती है। इनसेट
बजट की भी कमी
खंड प्रधान जगाधरी विजेंदर कुमार ने कहा कि अध्यापकों को वेतन के लिए बजट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अध्यापक पशोपेश में नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों के नवंबर माह के वेतन बिल बनाने से पहले ही बजट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अध्यापकों का वेतन बजट जल्द से जल्द जारी किया जाए। सरकार अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं के साथ छल कर रही है। उन्होंने मांग की की नौकरियों के नाम पर फार्म भरने संबंधी शुल्क को 20 से 50 रुपये तक करे ताकि युवाओं पर किसी प्रकार का वित्तीय बोझ न पड़े। इनसेट
सरकार करे कार्रवाई
जिला सचिव जयकृष्ण ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द अनुसूचित जाति अध्यापक संघ की मांगों पर गौर कर इन्हें पूरा करने का कार्य करे। अगर सरकार जल्द इन पर कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदर्शन करने को विवश होगा। मौके पर स¨वद्र कौर, शशि भूषण, भाग ¨सह, संजीव कुमार, संजीव घोरशी, कुलदीप, सुरेंदर, सुशील कुमार, हंसराज, संजीव लवाना, निर्मल ¨सह, जगमाल ¨सह, गुरनाम ¨सह, सलिन कुमार, सुनील गर्व, विनोद मौहड़ी उपस्थित थे।