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बीईओ बिलासपुर पर गिरी गाज, 44 स्कूलों के 163 शिक्षकों और प्रिंसिपल को नोटिस

दसवीं कक्षा में कमजोर रिजल्ट देने वाले टीचरों पर प्रशासन ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 08:12 AM (IST)
बीईओ बिलासपुर पर गिरी गाज, 44 स्कूलों के 163 शिक्षकों और प्रिंसिपल को नोटिस

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दसवीं कक्षा में कमजोर रिजल्ट देने वाले टीचरों पर प्रशासन ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। एडीसी ने राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिसिपल नरेश पाल से बीईओ बिलासपुर का चार्ज वापस ले लिया है। बीईओ का चार्ज अब राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिलासपुर की प्रिसिपल सुमन बहमनी को दिया गया है।

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उधर, 44 राजकीय स्कूलों के 163 टीचरों और प्रिसिपल को एडीसी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। 21 जून तक देना होगा जवाब

एडीसी प्रशांत पंवार ने ब्लॉक बिलासपुर के नौ स्कूलों में 34 टीचरों, सरस्वती नगर के चार स्कूलों के 20 टीचरों, रादौर के एक स्कूल के आठ टीचरों, जगाधरी में 12 स्कूलों के 67 टीचरों, साढौरा में एक स्कूल के दो टीचरों और छछरौली में 17 स्कूलों के 32 टीचरों और प्रिसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में टीचरों से पूछा है कि उनके पढ़ाए इतने बच्चे फेल क्यों हुए। बीईओ के स्कूल में हुए थे 105 छात्र फेल

राजकीय सीसे स्कूल मछरौली के प्रिसिपल नरेश पाल के पास बिलासपुर के बीईओ का चार्ज था। इस साल उनके स्कूल के 10वीं के 108 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें सबसे ज्यादा 105 छात्र फेल हो गए थे। इस स्कूल का परीक्षा परिणाम केवल 3.7 प्रतिशत ही आया था। डीईओ ने एडीसी को खराब रिजल्ट की रिपोर्ट सौंपी थी। इसके आधार पर एडीसी ने नरेश पाल से बीईओ का चार्ज वापस लेने के आदेश दिए। एक नजर इन स्कूलों के रिजल्ट पर भी

जिन स्कूलों 10वीं कक्षा का सबसे कमजोर परिणाम आया है। उन पर अधिकारियों की विशेष नजर है। राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटला का परीक्षा परिणाम 8.5 फीसद, राजकीय मॉडल सीसे स्कूल सरस्वती नगर का 18 फीसद, राजकीय हाई स्कूल अमादलपुर का 20 से 25 फीसद, राजकीय मॉडल सीसे स्कूल रादौर का 14 फीसद, राजकीय हाई स्कूल अलीशेरपुर माजरा का 8.3 फीसद, राजकीय सीसे स्कूल मुसिबल का 15 फीसद, राजकीय सीसे स्कूल भेड़थल का 17 फीसद और राजकीय हाई स्कूल खिलांवाला का 11.7 फीसद आया था। 11 जून को एडीसी ने ली थी बैठक

इस साल 10वीं कक्षा का सबसे कमजोर रिजल्ट 42.24 प्रतिशत आया था। यमुनानगर के 16835 छात्रों ने 10वीं की परीक्षा दी थी जिसमें से 7111 छात्र ही पास हुए थे। 795 छात्रों की कंपार्टमेंट आई थी। 8929 छात्र फेल हो गए थे। रिजल्ट के मामले में यमुनानगर प्रदेश के 22 जिलों में सबसे फिसड्डी रहा था। इस पर एडीसी प्रशांत पंवार ने 11 जून को सचिवालय में कमजोर रिजल्ट वाले सभी टीचरों और प्रिसिपल की मीटिग ली थी। एक-एक टीचर को खड़ा कर उनसे रिजल्ट की जानकारी ली गई थी। एडीसी ने 40 प्रतिशत से कम रिजल्ट वाले स्कूलों की फाइल तैयार करने और नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। एडीसी के विरोध में आए थे टीचर

एडीसी के मीटिग लेने के बाद टीचर उनके विरोध में आ गए हैं। संयुक्त शिक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले दो बार नेहरू पार्क में मीटिग कर चुके हैं। टीचरों का आरोप है कि एडीसी ने सचिवालय में बुलाकर उनकी बेइज्जती की है। एडीसी के खिलाफ वे विधानसभा स्पीकर कंवरपाल को भी ज्ञापन दे चुके हैं। टीचर 19 जून को सचिवालय पर दो घंटे का प्रदर्शन करेंगे। भविष्य का सवाल है : एडीसी

एडीसी प्रशांत पंवार का कहना है कि राजकीय स्कूलों में सभी टीचर डिग्री धारक हैं। सरकार उन्हें सभी सुविधाएं दे रही है। इसके बावजूद हजारों छात्र फेल हो गए। इन बच्चों के भविष्य का जिम्मेदार शिक्षक हैं। इसलिए उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। साथ ही बीईओ बिलासपुर का चार्ज अन्य प्रिसिपल को दिया गया है।

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