जांच के नाम पर लटका हुआ है फैक्ट्री में श्रमिकों की मौत का मामला
विमल एल्यूमिनियम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में सिलेंडर लीकेज से लगी आग से तीन श्रमिकों की मौत का मामला जांच के नाम पर दब गया है। औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य टीम ने अपनी रिपोर्ट में फैक्ट्री मालिकों की लापरवाही मानी थी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : विमल एल्यूमिनियम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में सिलेंडर लीकेज से लगी आग से तीन श्रमिकों की मौत का मामला जांच के नाम पर दब गया है। औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य टीम ने अपनी रिपोर्ट में फैक्ट्री मालिकों की लापरवाही मानी थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस उन सिलेंडरों को टेस्टिग के लिए लैब में भिजवाने की बात कह रही थी, लेकिन 15 दिन बीतने के बावजूद भी सिलेंडर जांच के लिए नहीं भेजे गए। वहीं मृतक श्रमिकों के परिजनों को भी प्रशासन की ओर से कोई आर्थिक सहायता तक नहीं मिली है।
16 सितंबर को विमल एल्यूमिनियम प्राइवेट लिमिटेड में सिलेंडर की लीकेज ठीक करते समय आग लग गई, जिसमें 13 कर्मचारी झुलस गए थे। गंभीर रूप से झुलसे नौ कर्मचारियों को पीजीआइ रेफर किया गया था। इस हादसे के बाद औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। डिटेल रिपोर्ट में सामने आया कि मालिकों की लापरवाही से हादसा हुआ है। सिलेंडर की लीकेज बंद करने की वॉल्व फ्री हो गई थी। कई दिनों से यह खराब थी। पुलिस ने श्रमिक विकास की शिकायत पर मालिक रजनीश खरबंदा और अन्य पर 336, 337, 338 व एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। बाद में इलाज के दौरान जीएम और दो अन्य श्रमिकों की मौत हो गई। पुलिस ने धारा इजाद करते हुए मालिकों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। वहीं शहर यमुनानगर थाना प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना है कि सिलेंडरों की टेस्टिग के बाद ही सही पता लगेगा कि किस तरह की खामी थी। पहले चुनाव की वजह से व्यस्तता रही। अब एक-दो दिन में इन सिलेंडरों को जांच के लिए भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।