केयर पार्टनर नर्सिग होम बनाम भाकियू विवाद: बोर्ड में हुई सुनवाई, लिखित में दर्ज हुए बयान
केयर पार्टनर नर्सिग होम के खिलाफ भाकियू जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर की शिकायत पर मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय में सुनवाई हुई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
केयर पार्टनर नर्सिग होम के खिलाफ भाकियू जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर की शिकायत पर मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय में सुनवाई हुई। सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया की अध्यक्षता में कमेटी के अन्य मेंबरों ने दोनों पक्षों के लिखित बयान लिए। भाकियू के विरोध के बाद आइएमए के प्रधान डॉ. योगेश जिदल सुनवाई से अलग रहे। उनके स्थान पर कमेटी में पूर्व प्रधान डॉ. डीके सोनी शामिल हुए। इस दौरान केयर पार्टनर नर्सिग होम के खिलाफ चार ओर लोग सामने आए हैं। उनका आरोप है कि इसी तरह से स्टंट डालने के नाम पर उनसे भी वसूली की गई।
सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता सुभाष गुर्जर, केयर पार्टनर नर्सिग होम की मैनेजमेंट व डॉ. शगुन के लिखित में बयान लिए गए हैं। इस मामले में अब 27 फरवरी को बोर्ड फैसला देगा। कुछ और लोग नर्सिग होम के खिलाफ शिकायत देने आए थे। उन्हें भी 27 फरवरी को ही लिखित शिकायत देने के लिए कहा गया है।
यह है मामला :
गत 30 जनवरी को भाकियू के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर को दिल का दर्द होने पर केयर पार्टनर नर्सिग होम में दाखिल कराया गया। आरोप है कि डॉक्टरों ने उन पर स्टंट डालने का दबाव बनाया। उन्हें डराया गया कि यदि जल्द ही स्टंट नहीं डलवाए, तो मौत हो सकती है। इसके लिए उन्हें जल्द से जल्द पैसों का इंतजाम करने के लिए कहा गया। बाद में जब दूसरे अस्पताल में दिखाया, तो वहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद छुट्टी दे दी थी। अब भी सुभाष ठीक हैं।
मामले ने पकड़ा तूल :
इस मामले में केयर पार्टनर नर्सिग होम के समर्थन में आइएमए आया, तो दूसरी ओर से बार एसोसिएशन शिकायतकर्ता सुभाष के पक्ष में खड़ी हो गई, जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया था। वहीं, भाकियू के बैनर तले पांच सदस्यीय संघर्ष समिति का भी गठन किया गया है। इसमें एडवोकेट साहिब सिंह गुर्जर, दिनेश खुराना, व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र मित्तल, भाकियू उपाध्यक्ष जयपाल चमरोड़ी व विनय कुमार को शामिल किया गया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान संघर्ष समिति के सदस्य भी मौजूद रहे। केयर पार्टनर नर्सिग होम के आप्रेशन मैनेजर विनय धीमान पहले की कह चुके हैं कि मरीज को एंजियोग्राफी कराने के लिए कहा गया था। उसके बाद स्टंट डाला जाता है। केवल परामर्श शुल्क लिया गया।
इन्होंने लगाया थे आरोप
कमेटी के सामने जगाधरी के राजेश ने बताया कि उनकी पत्नी लवली को गत नवंबर में सीने दर्द हुआ। केयर पार्टनर नर्सिंग होम में लेकर आए। गंभीर हालत बताकर उनको स्टंट डाला गया। जुब्बल के ओमप्रकाश ने बताया कि उनके हाथ में दर्द हुआ। डॉक्टर ने खतरा बताते हुए स्टंट डाल दिया। वहीं जगाधरी के लवीश ने बताया उनके पिता जसबीर को दर्द हुआ। डॉक्टर ने खतरा बताते हुए स्टंट डाल दिया। तीनों ने काफी पैसे लिए गए। तभी से लगातार दवाई भी ले रहे हैं। इनसे लिखित में शिकायत मांग गई है।