अर्थव्यवस्था को गांव आधारित बनाकर ही आर्थिक क्षेत्र में होंगे आत्मनिर्भर : सतीश
भारतीय मजदूर संघ भारतीय किसान संघ व स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों के संस्थापक श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में स्वदेशी जागरण मंच यमुनानगर की ओर से विकास की अवधारणा विषय को लेकर एक दिवसीय जिला सम्मेलन का आयोजन किया
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ व स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों के संस्थापक श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में स्वदेशी जागरण मंच यमुनानगर की ओर से विकास की अवधारणा विषय को लेकर एक दिवसीय जिला सम्मेलन का आयोजन किया। स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख और संगठक उत्तर, पश्चिम और मध्य क्षेत्र सतीश कुमार ने कहा कि आजादी के उपरांत आर्थिक विकास के गलत मॉडलों के लिए हम चलें, परिणाम स्वरूप आज देश आर्थिक पिछड़ेपन, बेरोजगारी और अन्य आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने भारत की प्राचीन अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था जब गांव आधारित थी, तब हर गांव आत्मनिर्भर हुआ करते थे और भारत की अर्थव्यवस्था का आकार, विश्व की अर्थव्यवस्था के आकार से बहुत बड़ा हुआ करता था। यही कारण था कि भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। मगर स्वतंत्रता के बाद तब के राजनैतिक नेतृत्व ने पश्चिमी और रूस के आर्थिक विकास के मॉडल को अपनाया और भारत के अपने स्वदेशी राष्ट्रीय मॉडल का तिरस्कार कर दिया। विशिष्ट अतिथि और जगाधरी के संघचालक एडवोकेट मुकेश गर्ग ने कहा कि नागरिकता संशोधनता अधिनियम किसी भी भारतीय नागरिक के लिए अहितकारी नहीं है, बल्कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देना ही इसका उद्देश्य है। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने बताया कि दत्तोपंत ठेंगड़ी आधुनिक भारत के चाणक्य थे। वह ना केवल कुशल संगठक थे बल्कि सफल नेतृत्व भी करने में सक्षम थे। मंच संचालन गुरु नानक खालसा कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. उदयभान सिंह ने किया। मौके पर उद्योगपति एवं कार्यक्रम अध्यक्ष समाजसेवी राजेश गढ़, संघ चालक यमुनानगर मान सिंह आर्य, मंच के अंबाला विभाग संयोजक और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर शर्मा, जिला संयोजक अरुण चौहान, प्रदीप कांबोज, जिला प्रचार प्रमुख विश्वेंद्र शर्मा, खंड संयोजक रविद्र सैनी और डीएवी गर्ल्स कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. विभा गुप्ता मौजूद रहे।