अभियान बेअसर, सड़कों पर भटक रहा गोधन, हादसे का बनते कारण
गायों को गोशाला में पहुंचाने के लिए कई बार जिले में अभियान चलाए गए। ये रंग नहीं ला सके।सड़कों पर आज भी गोधन भटक रहा है। रात हो या दिन सड़क पर डेरा जमाए बैठी रहती हैं। नगर निगम 31 अगस्त 2017 को कैटल फ्री घोषित कर चुका है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गायों को गोशाला में पहुंचाने के लिए कई बार जिले में अभियान चलाए गए। ये रंग नहीं ला सके।सड़कों पर आज भी गोधन भटक रहा है। रात हो या दिन सड़क पर डेरा जमाए बैठी रहती हैं। नगर निगम 31 अगस्त 2017 को कैटल फ्री घोषित कर चुका है।
गायों के झुंड खोल रहे पोल
कैटल फ्री शहर होने का दावा कर रहे नगर निगम के अधिकारियों की पोल उन बेसहारा पशुओं ने खोल कर रख दी है जो शहर की हर कॉलोनी की गलियों में झुंड बनाकर घूमते देखे जा सकते हैं। निगम के अफसर इसके लिए शहर के अंदर चल रही पशु डेयरियों को जिम्मेदार मान रहे हैं। जबकि सच्चाई तो ये है कि शहर कभी कैटल फ्री हुआ ही नहीं। यदि हुआ होता तो नजारा ऐसा न होता। जिले में 18 गोशाला हैं। उसके बाद भी सड़कों पर गोधन दिखाई देता है।
अकसर होते हैं हादसे
सड़कों पर घूम रही बेसहारा गाय आए दिन हादसे का कारण बनती हैं। रविवार रात को ईएसआइ अस्पताल के सामने सड़क किनारे बैठी गाय से टकरा जाने के कारण बाइक सवार मोहित को चोट लग गई थी। इसी तरह दो दिन पहले वर्कशाप में बाइक चालक विशाल गाय से टकरा गया था। उसके पांव में चोट आई थी।
यहां दिखाई देते हैं ज्यादा
ज्यादा आवारा पशु कमानी चौक से रेलवे रोड जगाधरी ईएसआइ अस्पताल के नजदीक, अग्रवाल अस्पताल के नजदीक, लघु सचिवालय जाने वाली सड़क पर, मॉडल टाउन में जब्बीवाला गुरुद्वारा के निकट, हुडा सेक्टर-17, हुडा सेक्टर-18, रादौर रोड, इंडस्ट्रियल एरिया, छोटी लाइन, आजाद नगर, ओपी ¨जदल पार्क के नजदीक, दशहरा ग्राउंड, जगाधरी में मिल्ट्री ग्राउंड, नगर निगम कार्यालय के सामने व अन्य जगहों पर आवारा पशु हर समय फिरते रहते हैं।
ज्यादातर बिना दूध देने वाली गाय
जो पशु सड़कों पर घूम रहे हैं उनमें ज्यादातर वे गाय हैं जो दूध नहीं देती। सूत्रों की माने तो जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो पशुपालक उसे बोझ समझने लगते हैं। वे उसे घर में चारा खिलाने की बजाय छोड़ देते हैं। घास चरने के बाद पशु घर आ गया तो ठीक वरना उन्हें कोई परवाह नहीं। इसी तरह लोग गायब की बछड़ी को तो रख लेते हैं लेकिन बछड़ों को रखने की बजाय सड़कों पर छोड़ देते हैं, क्योंकि बछड़ा उनके किसी काम का नहीं। पशु डेयरियां बाहर ले जा रहे लेकिन पशुओं को नहीं ।
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लोगों को भी होना चाहिए जागरूक : दादा
जगाधरी वर्कशाप के दादा पान वाला का कहना है कि लोगों को खुद भी जागरूक होना चाहिए। पशु पालकों की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे दूध निकालने के बाद गायों को सड़क पर नहीं छोड़े। वह अक्सर देखते हैं कि सड़क किनार गाय बैठी रहती है। इनके संरक्षण की तरफ किसी का ध्यान नहीं हैं।
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गायों को पकड़ छोड़ें गोशाला : सुनील
विष्णु नगर निवासी सुनील कुमार का कहते हैं कि प्रशासन को चाहिए कि जागरूकता अभियान चलाए। साथ ही सड़कों स गायों को पकड़ कर गोशाला में भेजे जाए। इससे वाहन चालक सुरक्षित चल सकेंगे। बाइक चलाते समय अक्सर ये वाहनों के सामने आ जाती हैं। जिससे हादसे का डर बना रहता है।
डेयरी संचालक छोड़ रहे पशु : अनिल नैन
नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन का कहना है कि शहर में पशु इसलिए दोबारा दिख रहे हैं क्योंकि इन्हें डेयरी संचालकों द्वारा छोड़ दिया जाता है। जो पशु दूध देना बंद कर देता है, उसे सड़क पर छोड़ देते हैं। जल्द ही फिर से आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा। शहरवासियों को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।