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सीमेंट और सरिया के बढ़े रेट, सपनों का आशियाना बनाना हुआ महंगा,

आप यदि घर बनाने की प्लानिग कर रहे हैं तो अपना बजट बढ़ा लें। कहीं ऐसा न हो जाए कि मकान का काम अधर में लटक जाए। क्योंकि इन दिनों आशियाना बनाने का सपना अब 15 से 20 प्रतिशत महंगा हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 10:33 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 10:33 AM (IST)
सीमेंट और सरिया के बढ़े रेट, सपनों का आशियाना बनाना हुआ महंगा,
सीमेंट और सरिया के बढ़े रेट, सपनों का आशियाना बनाना हुआ महंगा,

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आप यदि घर बनाने की प्लानिग कर रहे हैं तो अपना बजट बढ़ा लें। कहीं ऐसा न हो जाए कि मकान का काम अधर में लटक जाए। क्योंकि इन दिनों आशियाना बनाने का सपना अब 15 से 20 प्रतिशत महंगा हो गया है। निर्माण सामग्रियों के भाव हर रोज आसमान छू रहा है। सबसे ज्यादा रेट सरिए व सीमेंट के बढ़ रहे है। चंद दिनों में सरिया का रेट 200 से 300 रुपये प्रति क्विटल बढ़ा। सीमेंट प्रति बैग 30 से 35 रुपये बढ़ा है। रेट बढ़ने के पीछे का कारण स्टॉक बताया जा रहा है।

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वहीं, रेत 1300 से बढ़कर 1600 रुपये व बजरी 1600 से 1800 रुपये प्रति सैकड़ा है। लंबे समय से मकान बनाने का सपना संजोए लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। लगातार रेट बढ़ने से लोगों मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दुकानदारों और ग्राहकों के बीच हो रहा विवाद

सीमेंट 300 से बढ़कर 330 प्रति बैग बिक रहा है। रेट बढ़ने से आए दिन दुकानदारों व ग्राहकों के बीच विवाद हो रहा है। दुकानदार सुंदर लाल व रमेश कुमार कहना है कि दाम बढ़ने से ग्राहकों के साथ संबंध खराब होते जा रहे हैं। कंपनी दाम हर रोज दाम बढ़ा रही है दाम बढ़ने का कारण नहीं बता रही है। अभी और उछाल आने की संभावना है। 20 से 25 रुपये बढ़ सकता है। लोहा भी है गर्म

मार्च माह में सरिया का रेट 38 रुपए किलो था। अब सरिया का रेट 42 रुपए किलो पर पहुंच गया है। लोहे का कारोबार करने वाले धीरज का कहना है कि लोहे के दाम बढ़ने से बाजार में उथल पुथल मची हुई है। जिन्होंने माल स्टॉक किया हुआ है उन्होंने सप्लाई रोक ली है। जिन लोगों से काम की बुकिग की हुई थी। अब उस काम को करने में नुकसान हो रहा है। बताया जा रहा है कि लोहे के रेट में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।

जीवनभर की पूंजी लगानी पड़ रही

मकान निर्माण का काम कर रहे बूड़िया निवासी सौरभ ने बताया कि मध्यम वर्ग के लोगों को आशियाने के लिए सीमेंट, रेत, बजरी एवं सरिया में जीवन भर की पूंजी लगानी पड़ रही है। उसके बाद भी मकान का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है। सरकार व प्रशासन को बढ़ते निर्माण सामग्री के रेटों पर लगाम लगानी चाहिए है।


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