सुरक्षा की राह पर अनसुलझी वारदातों का ब्रेक
लोकसभा चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस इस समय बेल जंपरों और भगोड़ों की धरपकड़ में लगी है
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
लोकसभा चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस इस समय बेल जंपरों और भगोड़ों की धरपकड़ में लगी है, लेकिन बड़े गैंगस्टर पकड़ से बाहर हैं। हालांकि जिले की बात करें तो कोई बड़ा गैंग फिलहाल यहां एक्टिव नहीं है, लेकिन कुछ ऐसी वारदातें हैं। जो अब तक अनसुलझी हैं। तीन माह में हत्या के 13 मामले सामने आए हैं।
यमुनानगर में पहले मोनू राणा और भूप्पी राणा गैंग के बदमाशों ने वारदात की थी। इनमें मोनू राणा गैंग के शूटरों गत वर्ष बिलासपुर में साढौरा रोड पर जमीन की पैमाइश के बाद चंडीगढ़ निवासी प्रदीप पर गोली चलाई थी। इन बदमाशों को सीआइए टू ने जिला अंबाला के उपमंडल बराड़ा के गांव थंबड़ निवासी सचिन, गौतम, अमर और शक्ति उर्फ मिटू को काबू कर लिया था। कुछ दिन बाद इस वारदात को अंजाम देने वाले निक्कू और गांधी को भी पुलिस ने पकड़ लिया। इसके अलावा लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा काला राणा जेल से बाहर आने के बाद से ही भूमिगत है। वह यमुनानगर का ही रहने वाला है। पिछले दिनों काला राणा के भाई सूर्या राणा ने पूर्व विधायक दिलबाग के भतीजे दिलराज पर फायरिग की थी। इस मामले में भी सूर्या राणा को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा वर्ष 2017 में ही व्यापारी विकास क्वात्रा के घर पर फायरिग की गई। यह पैसों के लेन-देन का मामला था। इस हमले को कराने में भी काला राणा का नाम आया था। यह वारदात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अंकित भादू ने की थी। अंकित भादू का जीरकपुर में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। केस नंबर एक
20 जुलाई 2018 को नगवा जगीर गांव में गोगा माड़ी के पुजारी 60 वर्षीय राजपाल की ईटों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव मंदिर के गेट पर पड़ा मिला। हत्या निर्मम तरीके से की गई थी। राजपाल की आंख तक निकाल ली गई थी। वारदात के बाद घटनास्थल पर डीएसपी भी पहुंचे थे। पुलिस के साथ-साथ फॉरेंसिक टीम ने भी सबूत जुटाए, लेकिन यह वारदात अभी तक नहीं सुलझ सकी है। केस नंबर दो
15 जनवरी 2019 की रात को 15 जनवरी को कैल कॉम्प्लेक्स में डेयरी पर रहने वाले नौकर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद निवासी मोहन की धारदार हथियारों से काटकर हत्या कर दी गई थी। उसके चेहरे को धारदार हथियारों से काटा गया था। वारदात के दौरान कोई लूटपाट भी नहीं हुई। मोहन भी डेयरी पर अकेला रहता था। केस नंबर तीन
26 जनवरी 2019- अग्रसेन कॉलेज ट्रस्ट की जमीन की देखरेख के लिए रहने वाले नौकर उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के ज्योतिबा फुले नगर निवासी 60 वर्षीय तेजपाल की हत्या की गई थी। उसका चेहरा धारदार हथियारों से काटा गया था। यहां तक कि अंगूली भी काट दी गई थी। 27 जनवरी की शाम को भी उसकी हत्या होने का पता लगा था। वह खेत पर अकेला रहता था। पुलिस की टीमों ने यहां से भी सबूत जुटाए, लेकिन यह केस भी नहीं सुलझ सका है। घटनास्थल पर कोई लूटपाट भी नहीं हुई थी। केस नंबर चार :
20 फरवरी को याकूबपुर गांव के पास गन्ने के खेत में 32 वर्षीय महिला की हत्या कर शव फेंक दिया गया। एसपी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे। यह हत्या का मामला भी अभी तक राज बना हुआ है। पीओ और बेल जंपरों को पकड़ने पर जोर
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फिलहाल पुलिस का जोर पीओ व बेल जंपरों को पकड़ने पर है। पुलिस इन्हें पकड़ भी रही है, लेकिन इनमें से अधिकतर धोखाधड़ी व मारपीट जैसे छोटे-मोटे मामलों में पीओ घोषित व बेल जंपर हैं। इनमें सबसे बड़ा मामला पूर्व विधायक रेलू राम के परिवार के लोगों का हत्यारा संजीव है। यह पैरोल पर आने के बाद फरार हो गया था। बिलासपुर थाने में यह मामला दर्ज है। करीब एक साल से संजीव का पता पुलिस नहीं लगा पाई है। वहीं जगाधरी जेल से पैरोल पर गया हत्यारा पवन राठी भी पानीपत से फरार हो गया। उसका भी पता नहीं लग पाया है। पवन राठी के खिलाफ पानीपत में डीएसपी जगाधरी जेल ने केस दर्ज करवाया है। इसके अलावा मोहित राणा हत्याकांड के आरोपित सुखराम ने जमानत पर बाहर आने के बाद 12 मार्च को आत्महत्या कर ली है।