Move to Jagran APP

कट आउट समाचार : महान कवियों में होती संत ज्ञानेश्वर की गणना : भगवती प्रसाद

राधाकृष्ण मंदिर में बृहस्पतिवार को संत ज्ञानेश्वर की समाधि दिवस मनाया गया। इस मौके पर मंदिर प्रवचन को आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 06:50 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:50 AM (IST)
कट आउट समाचार  : महान कवियों में होती संत ज्ञानेश्वर की गणना : भगवती प्रसाद
कट आउट समाचार : महान कवियों में होती संत ज्ञानेश्वर की गणना : भगवती प्रसाद

संवाद सहयोगी, रादौर : राधाकृष्ण मंदिर में बृहस्पतिवार को संत ज्ञानेश्वर का समाधि दिवस मनाया गया। मंदिर के महंत भगवती प्रसाद शुक्ल ने बताया कि संत ज्ञानेश्वर की गणना भारत के महान संतों एवं मराठी कवियों में होती है। इनका जन्म 1275 ई. में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पैठण के पास आपे गांव में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। इनके पिता का नाम विट्ठल पंत तथा माता का नाम रुक्मिणी बाई था। विवाह के कई वर्षों बाद भी कोई संतान न होने पर विट्ठल पंत ने संन्यास ग्रहण कर लिया। स्वामी रामानंद को अपना गुरु बना लिया। बाद में गुरु के आदेश पर ही इन्होंने फिर से गृहस्थ जीवन को अपनाया। इनके इस कार्य को समाज ने मान्यता प्रदान नहीं की और समाज से इनका बहिष्कार कर दिया। इनका बड़ा अपमान किया। ज्ञानेश्वर के माता-पिता इस अपमान के बोझ को सह न सके और उन्होंने त्रिवेणी में डूबकर प्राण त्याग कर दिए। संत ज्ञानेश्वर ने भी 21 वर्ष की आयु में ही संसार का त्यागकर समाधि ग्रहण कर ली। उन्होंने बताया कि ज्ञानेश्वर के पूर्वज पैठण के पास गोदावरी तट के निवासी थे। बाद में आलंदी नामक गांव में बस गए थे। ज्ञानेश्वर के पिता विट्ठल पंत इन्हीं ‌र्त्यंबक पंत के पुत्र थे। विट्ठल पंत बड़े विद्वान और भक्त थे। उन्होंने देशाटन करके शास्त्रों का अध्ययन किया था।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.