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सूरत-ए-हाल : आजाद नगर : टूटी नालियां, घरों के सामने जमा गंदा पानी, संकट में सेहत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आजाद नगर की गली नंबर-10 में लोग आजाद नगर की गली नंबर-10 में लोग नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सड़क कच्ची और नालियां टूटी पड़ी हैं। निकासी न होने के कारण पानी खाली प्लॉटों में बह रहा है। मक्खी मच्छरों की भरमार है। ऐसे में लोग बीमार हो रहे हैं। कॉलोनीवासियों का आरोप है कि बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 12:56 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 12:56 AM (IST)
सूरत-ए-हाल : आजाद नगर : टूटी नालियां, घरों के सामने जमा गंदा पानी, संकट में सेहत
सूरत-ए-हाल : आजाद नगर : टूटी नालियां, घरों के सामने जमा गंदा पानी, संकट में सेहत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आजाद नगर की गली नंबर-10 में लोग नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सड़क कच्ची और नालियां टूटी पड़ी हैं। निकासी न होने के कारण पानी खाली प्लॉटों में बह रहा है। मक्खी मच्छरों की भरमार है। ऐसे में लोग बीमार हो रहे हैं। कॉलोनीवासियों का आरोप है कि बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। यहां मकान बनाकर लोग पछता रहे हैं। बारिश के दिनों में तो घरों से बाहर निकलना ही मुश्किल हो जाता है।

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स्वयं बना रहे रास्ता

कॉलोनीवासियों ने बताया कि गली की आधी सड़क बनी हुई है, लेकिन आधी को कच्चा छोड़ दिया। कई वर्ष से सुनते आ रहे हैं कि गली मंजूर हो गई है और जल्दी ही बन जाएगी। गली को पक्का किया जाना तो दूर, नालियां भी नहीं बनाई जा रही हैं। अब कॉलोनीवासी अब स्वयं गली बनवा रहे हैं। मिट्टी गटका डालकर चलने का रास्ता किया जा रहा है। इतना ही गली के बीचोबीच सीवरेज ब्लॉक पड़े हैं। गंदा पानी बह रहा है।

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कॉलोनीवासी निर्मला चौबे का कहना है कि इस गली में उनका रहना मुश्किल हो गया है। वे यहां पांच वर्ष से रह रहे हैं। हर वर्ष सुनते हैं कि इस बार गली बन जाएगी, लेकिन आज तक नहीं बनी। नगर निगम अधिकारी सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। जब आधी गली बना दी गई तो पूरी गली का निर्माण करने में क्या दिक्कत है। नालियां गंदगी से लबालब हैं। सफाई कर्मचारी कभी-कभार ही दिखाई देते हैं।

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किरण मिश्रा का कहना है कि खाली पड़े प्लॉट भी परेशानी का कारण बन रहे हैं। घरों के चारों ओर गंदा पानी जमा है। हर समय भय रहता है। कई बार जहरीले जंतु निकल चुके हैं। उनका कहना है कि सभी गलियों में यमुना की पटरी तक पक्की सड़कें बनी हैं, लेकिन गली नंबर-10 में निर्माण अधर में छोड़ा हुआ है। नगर निगम अधिकारी कम से कम एक बार इस क्षेत्र का दौरा करें और खुद हालात देखें। इनसेट

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र¨वद्र वर्मा का कहना है कि गली में न सफाई की व्यवस्था है और न ही स्ट्रीट लाइट। निकासी न होने के कारण सड़कों पर ही गंदा पानी बहता है। नियमित रूप से सफाई न होने के कारण नालियां गंदगी से लबालब हैं। एक ओर सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर शहरी एरिया में ऐसे हालात बने हुए हैं। उनकी मांग है कि गलियों व नालियों को पक्का किया जाए। इनसेट

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सतनाम ¨सह का कहना है कि यदि खाली पड़े प्लॉटों की चहारदीवार करवा दी जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है। पानी जमा होने के कारण मक्खी व मच्छरों की भरमार है। ऐसी स्थिति में क्षेत्र में बीमारियों के फैलने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। पानी जमा होने के कारण मकानों में सीलन आ चुकी है। आज तक किसी ने भी समस्या का समाधान नहीं किया। इनसेट

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सीता देवी ने बताया कि मच्छरों की भरमार के कारण उसके बेटे की बहू भावना व पौता राघव बीमार हो गए। क्षेत्र में पानी की निकासी निकासी की व्यवस्था का इंतजाम किया जाए। कई घर तो ऐसे हैं जिनमें जाने तक का रास्ता नहीं है। बारिश के दिनों में हालात और भी बिगड़ जाते हैं। घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने मांग की है कि समस्या का समाधान प्राथमिकता के साथ किया जाए।


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