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आशा वर्कर घर-घर जाकर खोज रही खांसी, जुकाम व बुखार के मरीज

कोरोना वायरस जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अपनी दस्तक न दे पाए इसके लिए सभी आशा वर्कर घर-घर जाकर खांसी जुकाम व बुखार के मरीजों की पहचान करेंगी। कई जगहों पर तो आशा वर्करों ने अपना सर्वे शुरू भी कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 06:26 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:26 AM (IST)
आशा वर्कर घर-घर जाकर खोज रही खांसी, जुकाम व बुखार के मरीज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना वायरस जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अपनी दस्तक न दे पाए इसके लिए सभी आशा वर्कर घर-घर जाकर खांसी, जुकाम व बुखार के मरीजों की पहचान करेंगी। कई जगहों पर तो आशा वर्करों ने अपना सर्वे शुरू भी कर दिया है। जिला की करीब 900 आशा वर्कर प्रत्येक घर में जाकर लोगों से पूछेंगी कि घर में किसी को खांसी, बुखार या जुकाम तो नहीं है। इसके अलावा परिवार में कोई विदेश से तो नहीं आया है। बच्चों व बुजुर्गों पर विभाग की विशेष नजर :

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जांच में सामने आया है कि विश्वभर में कोरोना वायरस ने 10 साल से कम व 60 साल से अधिक उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लिया है। इसलिए आशा वर्कर घरों में जाकर लोगों से पूछ रही हैं कि परिवार में 10 वर्ष से कम व 60 साल से अधिक उम्र के कितने लोग हैं। इन लोगों को कुछ दिन से खांसी, जुकाम या बुखार तो नहीं है। यदि है तो क्या उसकी दवाई ली। एक दिन में करना है 25 घरों का सर्वे :

सीएचसी बिलासपुर की आशा वर्कर राज रानी ने बताया कि एक आशा वर्कर को दिन में 25 घरों का सर्वे करना है। सर्वे के दौरान आशा वर्कर किसी के घर में प्रवेश नहीं करती। बल्कि लोगों को ही घर के बाहर बुलाती हैं। ऐसा इसलिए ताकि बाहर किसी के घर में कोरोना वायरस की एंट्री नहीं हो। इस दौरान भी सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा जाता है। वर्कर केवल डाटा ही नहीं जुटा रही बल्कि लोगों को जागरुक भी कर रही हैं। वे लोगों को बता रही हैं कि वे चेहरे पर हर समय मास्क या रूमाल बांध कर रखें। खांसते या छींकते वक्त मुंह को कपड़े से ढक लें। यदि तबीयत खराब हो तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचना दें ताकि समय रहते उपचार शुरू किया जा सके। किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहते : डॉ. दहिया

सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि आशा वर्कर घरों में जाकर लोगों से उनकी बीमारी के बारे में पूछ रही हैं। 10 साल से कम व 60 साल से अधिक उम्र के लोगों पर विशेष नजर है क्योंकि इनके ही वायरस की चपेट में आने का ज्यादा खतरा है। जिस परिवार में खांसी, जुकाम व बुखार से ग्रस्त लोग मिलते हैं उनका उपचार किया जाता है।


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