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पीओ ऑफिस पर धरना देकर आंगनबाड़ी वर्करों ने मांग तीन माह का वेतन, 14 माह का किराया

तीन माह से वेतन, 14 माह से आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया नहीं मिलने से वर्कर यूनियन ने शुक्रवार को अर्जुन नगर में स्थित परियोजना अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 12:13 AM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 12:13 AM (IST)
पीओ ऑफिस पर धरना देकर आंगनबाड़ी वर्करों ने मांग तीन माह का वेतन, 14 माह का किराया
पीओ ऑफिस पर धरना देकर आंगनबाड़ी वर्करों ने मांग तीन माह का वेतन, 14 माह का किराया

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : तीन माह से वेतन, 14 माह से आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया नहीं मिलने से वर्कर यूनियन ने शुक्रवार को अर्जुन नगर में स्थित परियोजना अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान कुंज भट्ट ने की। छह माह से वह विभाग को समस्या से अवगत करा रहे हैं। उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।

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जिला प्रधान कुंज भट्ट ने कहा कि विभाग वर्करों पर काम का बोझ तो बढ़ा रहा है। समय पर मानदेय नहीं दे रहा। जो केंद्र किराए के भवन में चल रहे हैं। उनको किराया दिए 14 माह हो गए। भवन मालिक खाली करने का दबाव बना रहे हैं। दो माह से मैन्यू अनुसार राशन भी केंद्रों पर नहीं बनाया जा रहा। तीन माह से मानदेय नहीं दिया जा रहा। विभाग की अधिकारी किसी भी समय रिपोर्ट मांग लेती है। फॉरवर्ड करने से पहले भी नहीं देखती हैं कि मांगा क्या गया है।

वर्करों पर सुपरवाइजर थोपती काम

जो भी लेटर विभाग की ओर से सुपरवाइजर को मिलते हैं। वे उनको पढ़े बिना ही वर्करों पर प्रेषित कर देती हैं, जबकि वह सर्कल अधिकारी हैं तो पहले खुद तो पढ़ लें। उसके बाद ही उसे वर्करों के पास भेजें। जब उनसे बात की जाती है तो वह एक ही जवाब देती हैं कि उनको नहीं पता। वह खुद ही काम करें। ऐसी परिस्थितियों में काम करना मुश्किल हो जाता है।

अब तक नहीं मिला मेहनताना

सरस्वती नगर व साढौरा ब्लॉक में किए गए सर्वे का मेहनताना अब तक वर्करों को नहीं मिला है। इससे वर्करों को परेशानी हो रही है।मांग को लेकर कई बार अधिकारियों से मिल चुकी हैं। हर जगह से केवल आश्वासन ही मिलता है।

पहले दें ट्रे¨नग फिर ले काम

जो भी नया सर्वे होता है। उसकी पहले वर्करों को ट्रे¨नग देनी चाहिए। लेकिन सीधे आदेश कर दिए जाते हैं। 50 महिलाओं की फोटो पौधों के साथ अभी चाहिए। जब उनके पास पौधे ही नहीं है तो फोटो मंगवाने का क्या औचित्य बनता है।

बिना देखे ही सुपरवाइजर मोबाइल पर संदेश प्रेषित करती हैं। कम से कम पहले खुद तो समझ लें। इस मौके पर अंग्रेजो, रीटा, उर्मिल, नीलम, मीनू, सुनीता सहित काफी संख्या में वर्कर मौजूद रहीं।


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